सरपंचों के समर्थन में खुलकर सामने आए बीरेंद्र सिंह, अपनी ही सरकार को लेकर कह दी बड़ी बात

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 05 Feb, 2023 03:37 PM

birendra singh s big statement in support of sarpanchs

बीरेंद्र सिंह ने कहा कि बिना अधिकारों के छोटी सरकार का क्या मतलब है। अगर सरपंचों से उनके अधिकार ही ले लिए जाएंगे तो उनके पद का क्या मतलब रह जाएगा।

यमुनानगर(सुरेंद्र सिंह) : ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल को लेकर सरपंचों के धरने के बीच प्रदेश में तनातनी बढ़ती जा रही है। एक ओर जहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरपंचों को 31 मार्च तक का अल्टीमेटम दे चुके हैं तो वहीं सरपंच भी खुलकर उनके इस बयान का विरोध कर रहे हैं। इस बीच बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने सरपंचों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि बिना अधिकारों के छोटी सरकार का क्या मतलब है। अगर सरपंचों से उनके अधिकार ही ले लिए जाएंगे तो उनके पद का क्या मतलब रह जाएगा। यह नहीं बीरेंद्र सिंह ने पंचायती राज संस्थाओं में सरपचों से ऊपर के पदों पर बैठे हुए अधिकारियों को लेकर भी बड़ी बात कह डाली।

 

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पूर्व मंत्री बोले- सरपंचों के ऊपर बैठे अधिकारी दूध के धुले नहीं

 

दरअसल बीरेंद्र सिंह एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए यमुनानगर पहुंचे थे। प्रदेश के तमाम मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखने वाले बीरेंद्र सिंह ने सरपंचों के प्रदर्शन पर अपनी ही सरकार को निशाने पर ले लिया। उन्होंने कहा कि जब सरपंचों से अधिकार ही छीन लिया जाएगा तो छोटी सरकार का कोई औचित्य ही नहीं रह जाएगा। पूर्व मंत्री ने कहा कि सरपंचों के सिर पर ग्राम सचिव, पंचायत अफसर, बीडीपीओ बैठे हैं। क्या ये सब लोग दूध के धुले हुए हैं। उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि क्या चल रहा है। इसलिए इस बारे में विचार करने की जरूरत है।

 

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डरा धमका कर नहीं, किसानों को प्यार से रखा जा सकता है खुश : बीरेंद्र सिंह

 

बीरेंद्र सिंह ने किसानों को लेकर भी बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि किसानों को डरा धमका कर नहीं, बल्कि प्यार से खुश रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि 13 महीने के किसानों के संघर्ष में प्रधानमंत्री ने भी कह दिया कि मेरी भक्ति व तपस्या में कमी रह गई जो कुछ किसानों को समझा पाए। इसलिए पीएम ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला लिया था। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों को सुझाव देते हुए कहा कि हमें किसानों को समझना चाहिए, उन्हें खुश रखना चाहिए। बीरेंद्र सिंह ने कहा कि 100 में से 60 वोट किसानों के ही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसान आंदोलन के दौरान बार-बार कहने के बावजूद भी मेरी बात नहीं सुनी गई। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए काफी कुछ करने के बावजूद भी पार्टी उसका लाभ नहीं ले पाई।

 

एंटी डिफेक्शन लॉ में संशोधन करने की है जरुरत : पूर्व मंत्री

 

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान एंटी डिफेक्शन लॉ को लेकर कहा कि इसमें संशोधन करने की जरूरत है। बीरेंद्र सिंह ने कहा कि जिस समय एंटी डिफेक्शन लॉ लागू किया गया था, उस समय इसके पीछे कई कारण थे, लेकिन अब इसमें संशोधन की जरूरत है। बिरेंद्र सिंह ने कहा कि देश के 75 साल के इतिहास में से कांग्रेस ने 55 साल राज किया है, लेकिन अब ले सत्ता में खोते जा रहे हैं। वहीं हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी का जिक्र करते हुए बीरेंद्र सिंह ने कहा कि किरण चौधरी अलग बोलती हैं, कुमारी शैलजा अलग बोलती हैं। वहीं रणदीप सुरजेवाला और भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी अलग-अलग बोलते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लंबे समय तक सुख भोगा है।  उसी के चलते ऐसा हो रहा है। वहीं राहुल गांधी की यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि  कांग्रेस को इसका लाभ मिलेगा। पूर्व मंत्री ने कहा कि वे चाहते है कि कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी विपक्ष की भूमिका में रहे, क्योंकि उसके लिए कांग्रेस को लिडरशीप को लेकर बड़ा बदलाव करने की जरूरत है।

 

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