आरटीआई से खुलासा: फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पाई क्लर्क की नौकरी, 2013 में हुई थी भर्ती

Edited By Shivam, Updated: 06 Mar, 2021 07:47 PM

revealed from rti got clerk job based on fake documents recruitment in 2013

सरकारी नौकरियों में फर्जीवाड़े के किस्से अक्सर सामने आते रहते हैं, जिनमें न्यायालय के आदेश पर कार्यवाही भी होती है। उसके बावजूद भी सरकारी नौकरियों में फर्जीवाड़ा रुकने का नाम नहीं रहा। ताजा मामला पानीपत के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से जुड़ा हुआ है,...

पानीपत (सचिन): सरकारी नौकरियों में फर्जीवाड़े के किस्से अक्सर सामने आते रहते हैं, जिनमें न्यायालय के आदेश पर कार्यवाही भी होती है। उसके बावजूद भी सरकारी नौकरियों में फर्जीवाड़ा रुकने का नाम नहीं रहा। ताजा मामला पानीपत के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से जुड़ा हुआ है, जहां एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने जिला मुख्यालय में लेखा विभाग में दसवीं के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले शख्स का फर्जीवाड़ा उजागर किया है। आरटीआई एक्टिविस्ट ने सरकार से मांग की है कि 2013 में हुई 89 क्लर्क की भर्ती को रद्द कर जांच की जाए और दोषी पाई जाने वाले लोगों के खिलाफ रिकवरी के साथ-साथ एफआईआर दर्ज की जाए।

सरकारी नौकरियों में मिलने वाले वेतन भत्तों व सुविधाओं के मोह के कारण आम वर्ग किसी भी तरीके से सरकारी नौकरी हथियाना चाहता है। आमवर्ग के इसी सपने को पूरा करने के लिए हर फील्ड में दलालों का बड़ा वर्ग सक्रिय है, जिसके कारण आए दिन सरकारी भर्तियों में घोटाले सामने आते रहते हैं। विभिन्न सरकारों और न्यायालयों की सक्रियता के कारण फर्जी डिग्री और अन्य भ्रष्ट कारणों से मिली नौकरियों पर कारवाई की जाने पर भी इस तरह के फर्जीवाड़े रुकने का नाम नहीं ले रहे। सरकारी नौकरी की चाह रखने वाले और दलाल मिलकर फिर से नए तरीके ढूंढ कर सक्षम लोगों को मिलने वाली सरकारी नौकरियों पर हाथ साफ कर जाते हैं। 

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ताजा मामला पानीपत के एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने उजागर किया है। आरटीआई एक्टिविस्ट यशपाल मलिक ने आरटीआई से मिली जानकारी के आधार पर बताया कि 2013 में हुड्डा सरकार ने 89 क्लर्क खाद्य आपूर्ति विभाग में नियुक्त किए। पानीपत खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में नियुक्त राजवीर नामक व्यक्ति ने दसवीं के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर यह नौकरी हासिल की है। शिक्षा विभाग द्वारा दी गई सूचना ने इस बात पर मोहर लगाई है कि इस तरह का कोई प्रमाण पत्र ऐसे प्रारूप में नहीं जारी किया गया है और राज्य खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को भी इस संबंध में सूचित किया गया है।

वहीं फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी हासिल करने वाला राजवीर इस समय खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के जिला कार्यालय में अकाउंट का काम देख रहा है। आरटीआई एक्टिविस्ट ने मांग की है कि इस तरह फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले के हाथ में सरकारी खाते का लेनदेन कैसे दिया जा सकता है। विभाग उसे टर्मिनेट कर अब तक दिए गए वेतन की रिकवरी करे और साथ में नौकरी पाने के लिए फर्जीवाड़ा करने की एफआईआर दर्ज हो। 

एक्टिविस्ट यशपाल ने मुख्यमंत्री से यह भी मांग की की 2013 में हुई इस भर्ती को रद्द कर इसकी उच्च स्तरीय जांच करा कर भर्ती में हुई धांधली में शामिल लोगों और इस फर्जीवाड़े में शामिल उनके सहयोगियों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज करते हुए करवाई करें।
 

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