निजी अस्पतालों ने आयुष्मान भारत योजना के तहत बनाए फर्जी बिल, स्वास्थ्य विभाग ने डाला काली सूची में

Edited By Manisha rana, Updated: 20 Jun, 2024 12:46 PM

private hospitals made fake bills under ayushman bharat scheme

आसानी से पैसा कमाने के लिए चरखी दादरी के 3 निजी अस्पतालों ने फर्जी आयुष्मान भारत योजना के तहत फर्जी बढ़े हुए बिल बना रहे थे। इसका फर्जीवाड़े का पता जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने लगाया है।

हरियाणा : आसानी से पैसा कमाने के लिए चरखी दादरी के 3 निजी अस्पतालों ने फर्जी आयुष्मान भारत योजना के तहत फर्जी बढ़े हुए बिल बना रहे थे। इसका फर्जीवाड़े का पता जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने लगाया है। आयुष्मान भारत योजना के अधिकारियों के मुताबिक 2 हफ्ते पहले 4 निजी अस्पतालों को नोटिस दिया गया था और सरकार की प्रमुख योजना के तहत 41 मरीजों को दिए गए इलाज से जुड़ी जानकारी मांगी गई थी।

जवाब देने में रहा विफल अस्पताल

चरखी दादरी में आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ. अंकुर ने बताया कि, धोखाधड़ी के कारण जय हिंद अस्पताल को योजना से बाहर कर दिया गया है। वहीं, कृष्ण नेत्र अस्पताल को 6 महीने के लिए काली सूची में डाल दिया गया है। क्योंकि अस्पताल दिए गए नोटिस का जवाब देने में विफल रहा है। इसके अलावा परधान अस्पताल पर 99,000रुपए का जुर्माना लगाया गया। क्योंकि वह संतोषजनक जवाब देने में विफल रहा। वहीं यादव हॉस्पिटल के खिलाफ दर्ज शिकायत की जांच की जा रही है। जिले के अन्य 5 निजी अस्पतालों के खिलाफ भी जांच चल रही है।

स्क्रीनिंग सॉफ्टवेयर को लगातार कर रहे अपग्रेड 

उन्होंने बताया कि वे अपने स्क्रीनिंग सॉफ्टवेयर और चेक प्वाइंटस को लगातार अपग्रेड कर रहे हैं। हम केवल उन्हीं अस्पतालों को अपने पास रखना चाहते हैं जो कुशलतापूर्वक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर सकें। निजी अस्पतालों के अलावा, सरकारी अस्पतालों को भी आयुष्मान भारत लाभार्थियों के इलाज के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

ये गड़बड़ी आई सामने

अधिकारियों के अनुसार दादरी के एक निजी अस्पताल के अधिकारियों ने एक सामान्य वार्ड के मरीज को गहन चिकित्सा इकाई (आई.सी.यू.) में स्थानांतरित कर दिया। फिर तस्वीरें क्लिक की गईं। इस दौरान मरीज ने न तो आई सी.यू. ड्रेस पहनी थी और न ही फेस मास्क के साथ ऑक्सीजन का उपयोग कर रहा था। आई.सी.यू. बिल बढ़ाकर अधिक कमाई के लिए ऐसा किया गया था। एक अन्य मामले में एक निजी अस्पताल यह साबित करने में असमर्थ रहा कि मरीज को निश्चित अंतराल पर कई बार भर्ती क्यों किया गया ? इसके अलावा एक अस्पताल में आईसीयू में कोई मशीन और ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं थे। लेकिन मरीज को आईसीयू में भर्ती करने और उसका इलाज की प्रक्रिया को कागजों पर दिखाया गया। जबकि, डॉक्टरों द्वारा दिखाया गया उपचार मरीज को दिए गए नुस्खे से मेल नहीं खा रहा था।

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