हरियाणा डेयरी  डेवलपमेंट कोऑपरेटिव फेडरेशन प्रदेश की दुग्ध समितियों और दुग्ध संघ में लागू करेगा ERP : रणधीर

Edited By Isha, Updated: 09 Jul, 2021 11:42 AM

haryana dairy development cooperative federation will implement erp

हरियाणा डेयरी  डेवलपमेंट कोऑपरेटिव फेडरेशन  के चेयरमैन रणधीर सिंह के नेतृत्व में एक टीम ने गांधीनगर गुजरात स्थित बसरा मिल्क डेयरी और अमूल प्लांट के साथ वाक्तपुर  गांव में दुग्ध सोसाइटी का  दौरा किया। इस दो दिवसीय दौरे में चेयरमैन के साथ-साथ प्रबंध...

चंडीगढ़( चन्द्र शेखर धरणी): हरियाणा डेयरी  डेवलपमेंट कोऑपरेटिव फेडरेशन  के चेयरमैन रणधीर सिंह के नेतृत्व में एक टीम ने गांधीनगर गुजरात स्थित बसरा मिल्क डेयरी और अमूल प्लांट के साथ वाक्तपुर  गांव में दुग्ध सोसाइटी का  दौरा किया। इस दो दिवसीय दौरे में चेयरमैन के साथ-साथ प्रबंध निदेशक ए. श्रीनिवासन आई. ए. एस,  महाप्रबंधक  एस.एस सेतिया और परियोजना प्रबंधक  अमित सचदेवा प्रमुख रूप से शामिल रहे। इस दो दिवसीय दौरे का मुख्य उद्देश्य किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिए जमीनी स्तर पर दुग्ध समितियों के कामकाज में डिजिटल हस्तक्षेप का अध्ययन करना है।

टीम ने बसरा  डेयरी में खरीद प्रभारी और हिम्मत नगर तालुका के वाक्तपुर गांव के सचिव और किसानों के साथ भी बातचीत की। इसके साथ ही यह भी समझा  गया कि किसानों को ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से उत्पन्न खरीद पर्ची जारी की जाती है जिसमें वसा/एस  एन एफ  के बारे में जानकारी होती है। और इसी के अनुसार दूध के लिए कुल राशि की गणना की जाती है जो सीधे किसान के बैंक खाते में जमा हो जाती है। फिर वही जानकारी वास्तविक समय में दुग्ध संघ और संघ कार्यालय को दी जाती है। इससे दुग्ध संघ और संघों को प्रसंस्करण उत्पादन की अधिक कुशलता से योजना बनाने में मदद मिलती है। हरियाणा डेयरी  डेवलपमेंट कोऑपरेटिव फेडरेशन के चेयरमैन रणधीर सिंह  ने बताया की हरियाणा डेयरी  डेवलपमेंट कोऑपरेटिव फेडरेशन  भी  हरियाणा की दुग्ध समितियों और दुग्ध संघ में समान इ आर पी को लागू करने की प्रक्रिया में है। और यात्रा के दौरान प्राप्त अनुभव से किसानों को दूध खरीद और भुगतान का परेशानी मुक्त मंच प्रदान करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने बताया कि बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और बढ़ाने पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हुए टीम ने अमूल गांधीनगर संयंत्र का भी दौरा किया। ताकि सड़न  रोकने वाला पैकेजिंग मशीन के काम को समझा जा सके। गौरतलब है कि हरियाणा डेयरी  डेवलपमेंट को ऑपरेटिव फेडरेशन  ने रोहतक मिल्क यूनियन में असेप्टिक पैकेजिंग प्लांट लगाने की प्रक्रिया पहले से ही शुरू कर दी है।

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा गया है जिसकी कुल वित्तीय परिव्यय 125 करोड़ रुपए है। प्रबंध निदेशक ए श्रीनिवास ने बताया कि अधिकांश प्रतियोगियों के पास सड़न रोकने वाला  पैकेजिंग सुविधा है और यह सुविधा न केवल उत्पाद के शेल्फ  जीवन को बढ़ाएगी बल्कि फेडरेशन की समग्र  बिक्री और लाभ प्रदता  में भी वृद्धि करेगी, इसमें 1.25 एल एल पी डी अतिरिक्त दूध प्राप्त करने और किसानों को अधिकतम लाभ पहुंचाने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हरियाणा डेयरी डेवलपमेंट कोऑपरेटिव फेडरेशन वीटा ब्रांड की दृश्यता और समग्र बिक्री बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर लगातार काम कर रहा है और ग्राहकों को आने वाले महीनों में वीटा  उत्पादों की उत्पाद रेंज गुणवत्ता और पैकेजिंग में आमूल चूल परिवर्तन देखने को मिलेंगे।

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