Edited By Yakeen Kumar, Updated: 20 Aug, 2025 04:07 PM
हरियाणा पूर्व विधायक एसोशिएशन से संबंधित पूर्व विधायक लक्ष्मण नापा ने बताया कि हरियाणा विधानसभा सचिवालय के एक तुलनात्मक अध्ययन अनुसार देश के 28 राज्यों में हरियाणा प्रदेश अपने विधायकों को वेतन
चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी) : हरियाणा पूर्व विधायक एसोशिएशन से संबंधित पूर्व विधायक लक्ष्मण नापा ने बताया कि हरियाणा विधानसभा सचिवालय के एक तुलनात्मक अध्ययन अनुसार देश के 28 राज्यों में हरियाणा प्रदेश अपने विधायकों को वेतन, भत्ते व सुविधाएं देने में चौथे स्थान पर है और पूर्व विधायकों को पेंशन, भत्ते व सुविधाएं देने में चौबीसवें नंबर पर है जबकि बेतहाशा महंगाई, जिम्मेवारी व सामाजिक देनदारी और जन भागीदारी पूर्व विधायक भी उतनी ही निभाता है जितनी एक विधायक निभाता है।पूर्व विधायक एसोशिएशन हरियाणा का एक प्रतिनिधि मंडल आज हरियाणा के सी एम नायब सैनी से मिला व एक ज्ञापन उन्हें दिया।
नापा ने कहा कि वैसे भी हर विधानसभा में सैद्धांतिक तौर पर जब विधायकों के वेतन भत्ते और सुविधाएं बढ़ाई जाती हैं तो अपने पूर्व विधायकों की पेंशन भत्ते और सुविधाएं भी बढ़ाई जाती रही हैं। लेकिन हरियाणा में लंबे समय से ऐसा नहीं हुआ है जिसकी वजह से हरियाणा अपने पूर्व विधायकों को सुविधा देने में 24 वे नंबर पर चला गया है।
लक्ष्मण नापा ने बताया कि देखने वाली बात यह है कि हरियाणा से आर्थिक तौर पर कमजोर राज्य भी अपने पूर्व विधायकों को हमसे कहीं ज्यादा भत्ते व सुविधाएँ दे रहे हैं। जैसे उत्तराखंड में पूर्व विधायक को ₹60,000 बेसिक पेंशन, रुपये 3,40,000 प्रति वर्ष यात्रा भत्ता या ₹26000/- प्रतिमाह तेल के नगद और 65 वर्ष आयु होने पर 5%, 70 वर्ष पर 10%, 75 वर्ष आयु पर 25% व 80 वर्ष आयु होने पर 50% पेंशन बढ़ोतरी होती है। झारखंड में ₹50,000 बेसिक पेंशन, ₹5,000 चिकित्सा भत्ता, प्रतिमाह व बिलों की प्रतिपूर्ति, ₹15,000 अर्दली भत्ता, व ₹4,00,000 प्रति वर्ष यात्रा भत्ता व इसी तरह छत्तीसगढ़ में रूपए 58,300 बेसिक पेंशन, रुपए 15,000 चिकित्सा भत्ता हर महीने, रुपए 15,000 अर्दली भत्ता, ₹10,000 टेलीफोन भत्ता व ₹5,00,000 यात्रा भत्ता के कूपन दिए जाते हैं और अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं।
लक्ष्मण नापा ने बताया कि सन् 2016 में ₹1,00,000 की कैप लगाई थी उसे हटाने का फैसला ले लिया है और दूसरी रोज-रोज की दवाइयां के बिल बनवाने से पीछा छुड़ाते हुए चिकित्सा भत्ता के ₹10,000 प्रतिमाह देने का फैसला लेकर हमें कृतार्थ किया है। इसके लिए एसोसिएशन आपकी अत्यंत आभारी है।इनडोर इलाज के लिए कैशलेस इलाज करने की आप सी०एम० साहब पहले ही कह चुके हैं। अब कुछ अत्यंत जरूरी मांगे रह गई ।
नापा ने कहा कि प्रमुख मांगों में हमारे विशेष यात्रा भत्ते की जगह हमें उत्तराखंड राज्य में पूर्व विधायकों को दिए जा रहे यात्रा भत्ते की तर्ज पर दिया जावे या हिमाचल, झारखंड या छत्तीसगढ़ के अनुरूप यात्रा भत्ता दिया जावे।उत्तराखंड विधानसभा में पूर्व विधायकों की पेंशन 65 वर्ष होने पर 5%, 70 वर्ष पर 10%, 75 वर्ष होने पर 25% और 80 वर्ष आयु होने पर 50% पेंशन बढ़ाई गई है इसी तर्ज पर हमें सीनियर होने पर पेंशन बढ़ाई जावे, पंजाब राजस्थान व दिल्ली में भी ऐसी ही व्यवस्था है। झारखंड, छत्तीसगढ़ राज्यों के तर्ज पर हमें भी एक अर्दली, सेवादार और टेलीफोन भत्ते की जगह सत्कार भत्ता दिया जावे। 60 वर्ष के बाद हमें कोई बैंक लोन नहीं देते इसलिए घर या गाड़ी के लिए हमें भी हिमाचल विधानसभा तर्ज पर 25 लाख रुपए लोन विधानसभा से दिलवाया जावे और हमारी पेंशन से रिकवरी कर ली जावे।
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