Edited By Yakeen Kumar, Updated: 19 Aug, 2025 10:00 PM

निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1961 के प्रावधानों के तहत सुनवाई की प्रक्रिया शुरू की है।
चंडीगढ़ : हरियाणा में लंबे समय से चुनावी राजनीति से दूर चल रहे गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों पर अब अस्तित्व संकट गहराने लगा है। चुनाव आयोग ने ऐसे 15 दलों को नोटिस जारी कर स्पष्ट किया है कि यदि वे आवश्यक दस्तावेज और अपना पक्ष निर्धारित समय में पेश नहीं करते तो उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा।
निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1961 के प्रावधानों के तहत सुनवाई की प्रक्रिया शुरू की है। इन दलों को 28 अगस्त तक जवाब देने का मौका दिया गया है। इसके बाद दो से तीन सितंबर तक चंडीगढ़ स्थित मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में सुनवाई होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Chief Electoral Officer) ए. श्रीनिवास ने यह नोटिस जारी किया है।
बताया जा रहा है कि आयोग ने जुलाई में भी 21 गैर-मान्यता प्राप्त दलों को नोटिस भेजा था, लेकिन उनमें से केवल छह दलों ने ही जरूरी दस्तावेज जमा कराए। बाकि 15 दलों को दोबारा नोटिस जारी किया गया है।
ये राजनैतिक दल हैं शामिल
अपना राज फ्रंट झज्जर, हरियाणा स्वतंत्र पार्टी झज्जर, राष्ट्रीय बुजुर्ग शक्ति पार्टी झज्जर, भारत (इंटीग्रेटेड) रक्षक दल गुरुग्राम, भारतीय जनहित विकास पार्टी गुरुग्राम, गुरुग्राम रेजिडेंट पार्टी, हिंद समदर्शी पार्टी गुरुग्राम, कर्मा पार्टी गुरुग्राम, मेरा गांव मेरा देश पार्टी गुरुग्राम, नेशनल जनहित कांग्रेस (एबी) गुरुग्राम, समरस समाज पार्टी गुरुग्राम, टोटल विकास पार्टी गुरुग्राम, जनता उदय पार्टी फरीदाबाद, बेरोजगार आदमी अधिकार पार्टी फरीदाबाद, राष्ट्रीय आर्य राज सभा रोहतक, सेवा दल रोहतक, लोक परिवर्तन पार्टी (डीसी) पानीपत, हरियाणा जनरक्षक दल सोनीपत, हरियाणा कान्ति दल कुरुक्षेत्र, राष्ट्रीय कर्मयोग पार्टी करनाल और सुशासन पार्टी भिवानी।
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