Manisha Muder Case: मनीषा की मौत के मामले में आईजी का बड़ा बयान, बताई घटना की पूरी सच्चाई

Edited By Isha, Updated: 19 Aug, 2025 03:03 PM

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भिवानी जिला के सिंघानी गांव में महिला टीचर मनीषा का शव पाए जाने के बाद इसको लेकर प्रदेश भर में प्रदर्शन हुए तथा महिला टीचर की हत्या होने का अंदेशा रहा। परन्तु मैडिकल रिपोर्ट में तथ्य अलग नजर आ रहे है

भिवानी(अशोक) : भिवानी जिला के सिंघानी गांव में महिला टीचर मनीषा का शव पाए जाने के बाद इसको लेकर प्रदेश भर में प्रदर्शन हुए तथा महिला टीचर की हत्या होने का अंदेशा रहा। परन्तु मैडिकल रिपोर्ट में तथ्य अलग नजर आ रहे है। यह बात रोहतक रेंज के आईजी वाई पूर्ण कुमार ने भिवानी में पत्रकार वार्ता के दौरान कही। हालांकि उन्होंने माना कि इस मामले की अभी जांच चल रही है। किसी को भी इस मामले में अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। जबकि पूछताछ जरूर विभिन्न लोगों से की जा रही है। महिला अध्यापिका मनीषा 11 अगस्त से घर से स्कूल के लिए गई थी। 13 अगस्त को उसका शव सिंघानी गांव में खेतों में पाया गया।

रोहतक रेंज के आईजी वाई पूर्ण कुमार ने बताया कि मृतक मनीषा के शव का दो बार पोस्र्टमार्टम किया गया है। एक बार भिवानी में, दूसरी बार रोहतक पीजीआई में किया गया। इनके नतीजे कल शाम 18 अगस्त को आग चुके है। इन नतीजों के आने के बाद स्पेशल मैडिकल बोर्ड बनाकर मृत्यु के कारणों को समझने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि मृतक मनीषा के शरीर पर मैडिकल रिपोर्ट के अनुसार शरीर पर कोई स्ट्रगल के निशान नहीं है। साथ ही उनके प्राईवेट पार्ट में कोई सीमेन नहीं पाया गया। ऐसे में बलात्कार जैसी घटना मैडिकल रिपोर्ट के अनुसार नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि मृतिका के पेट में एक कीटनाशक की उपस्थिति पाई गई है। प्रारंभिक तौर पर इस मामले में जोर-जबरदस्ती जैसी बात सिद्ध नहीं की।

पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए आईजी वाई पूर्ण कुमार ने बताया कि कुछ सोशल मीडिया रिपोर्टस में यह दावा किया गया कि मृतक मनीषा के शरीर से कुछ अंग गायब है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि जब पहली बार पोस्टमार्टम किया गया तो उस दौरान शरीर के कुछ अंगों को मैडिकल जांच के लिए निकालकर विसरा के रूप में जांच के लिए भेजा गया था। ऐसे में इसको लेकर कोई भ्रम की स्थिति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मृतक के चेहरे पर एसिड डालने जैसी रिपोर्ट भी मैडिकल के अनुसार सही नहीं पाई गई है।


 

 सुसाईट नोट को लेकर आईजी वाई पूर्ण कुमार का कहना है कि सुसाईट नोट पहले दिन से ही पुलिस के पास था। उसकी राईटिंग भी परिजनों ने उसी समय पहचान ली थी। सुसाईट नोट को पांच दिन बाद लाईम लाईट में आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जांच के पहले दिन से ही महत्वपूर्ण तथ्यों को डिस्कलोज नहीं किया जाता। हालांकि अब यह सुसाईट नोट लाईम लाईट में आ चुका है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मृतिका के परिजनों व समाज के अन्य लोगों को इस रिपोर्ट के बारे में पुलिस व डॉक्टरों द्वारा ब्रीफिंग कर दी गई है। अब परिवार के सदस्य आपस में इस मुद्दे को लेकर चर्चा कर रहे है। जिसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। ग्रामीणों द्वारा सीबीआई जांच की मांग पर उन्होंने कहा कि यह एक प्रशासनिक मुद्दा है। इस पर वे कुछ नहीं कह सकते।

गौरतलब है कि ग्रामीणों द्वारा अब भी मृतक मनीषा के गांव ढ़ाणी लक्ष्मण में धरना देकर अंतिम संस्कार से मना किए जाने को लेकर पुलिस कानून व्यवस्था पर ध्यान रख रही है। भिवानी व चरखी दादरी जिलों में प्रशासन द्वारा इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई है। ताकि कोई अफवाह ना फैल पाए। ग्रामीणों की मांग है कि इस मामले की सीबीआई जांच करवाई जाए।

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