Edited By Naveen Dalal, Updated: 19 Jul, 2019 01:55 PM
नरवाना उपमंडल के 11 गांवों के लोग पानी की मांग को लेकर 20 जून से धरौदी गांव में धरने पर बैठे हुए हैं। मांग पूरी करना तो दूर की बात शासन और प्रशासन उन्हें सरकार का कोई मंत्री, अधिकारी उनके मिलने तक नहीं पहुंचा है। ग्रामीण मटका फोड़ प्रदर्शन, अर्ध...
नरवाना (गुलशन चावला): नरवाना उपमंडल के 11 गांवों के लोग पानी की मांग को लेकर 20 जून से धरौदी गांव में धरने पर बैठे हुए हैं। मांग पूरी करना तो दूर की बात शासन और प्रशासन उन्हें सरकार का कोई मंत्री, अधिकारी उनके मिलने तक नहीं पहुंचा है। ग्रामीण मटका फोड़ प्रदर्शन, अर्ध नग्र प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप चुके हैं। उसके बाद गांव के लोगों मुंडन करवाकर व मिट्टी स्नान कर अपना रोष व्यक्त कर चुके हैं।
उसके बाद भी सरकार के नेताओं व अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रैंगी है। मजबूरीवस ग्रामीण महिलाएं व पुरूष क्रमिक भुख हड़ताल के बाद राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग कर चुके है। ग्रामीणों ने साफ तौर पर कहा कि नरकीय जीवन से तंग आ चुके हैं। या तो सरकार हमें इच्छा मृत्यु की मंजूरी दे या फिर पानी ।
इस कड़ी में धरौदी माइनर को भाखड़ा से जोडने की मांग को लेकर महिलाओं ने सिर पर काली चुन्री व पुरूषों ने काली पगडी बाध कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। जानकारी के अनुसार हरियाणा के नरवाना के 11 गांव ऐसे हैं। जिनकी पिछले 30 सालों से धरौदी माईनर को भाखड़ा से जोडऩे की एक ही मांग है। इसका कारण यह है कि इन लोगों को भाखड़ा नहर से पानी चाहिए। क्योंकि जो जमीन का पानी है वो जहरीला हो चुका है। जिसके पीने से कैंसर, किडनी फेल, काला पीलिया जैसी भंयकर बीमारियों की चपेट में आकर अपनी जान गवां चूके हैं।