Edited By Isha, Updated: 23 Oct, 2019 11:08 AM
साइबर सिटी में चलने वाली देश की पहली रैपिड मैट्रो सेवा के बंद होने का ग्रहण खत्म हो गया है और अब इसका संचालन दिल्ली मैट्रो के हाथ में आ गया है। आज रात से रैपिड मैट्रो के संचालन
गुडग़ांव (ब्यूरो): साइबर सिटी में चलने वाली देश की पहली रैपिड मैट्रो सेवा के बंद होने का ग्रहण खत्म हो गया है और अब इसका संचालन दिल्ली मैट्रो के हाथ में आ गया है। आज रात से रैपिड मैट्रो के संचालन के लिए दिल्ली मैट्रो रेल कार्पोरेशन जिम्मेदार होगा। संचालन के साथ ही रैपिड मैट्रो के रखरखाव और नियमों का निर्माण डी.एम.आर.सी. करेगा।
उल्लेखनीय है कि इसके पहले रैपिड मैट्रो रेल गुरुग्राम लिमिटेड और रैपिड मैट्रो रेल गुरुग्राम दक्षिण 2 संस्थाएं मिलकर चला रही थीं जिसका संचानन 22 अक्तूबर की मध्यरात्रि से डी.एम.आर.सी. के हाथ में चला जाएगा। कुल 11.6 किलोमीटर की दूरी पर चलने वाले रैपिड मैट्रो सेवा को पहले की तरह ही चलाया जाएगा और इसके समय-सारिणी में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसके लिए डी.एम.आर.सी. ने पर्याप्त संख्या में अपने कर्मचारियों को स्टेशनों पर तैनात कर दिया है जो कि रैपिड मैट्रो के संचालन, सिग्नल, टैलीकॉम, बिजली, सुरक्षा आदि विभिन्न पहलुओं को आज रात से अपने हाथों में ले लेंगे।
1450 करोड़ की लागत से बनी रैपिड सेवा 2013 में हुई थी शुरू
करीब 3 साल तक चले निर्माणकार्य के बाद साल 2013 में 1450 करोड़ की लागत से चालू की गई यह सेवा लम्बे अरसे से खस्ता-माली हालत से जूझ रही है। रैपिड मैट्रो अपने दिनभर के चक्कर लगाने के बाद भी महज 50 हजार रुपए की आमदनी नहीं कर पा रही थी।
रोजाना ही करीब 2 लाख कर्मचारी साइबर सिटी से आवागमन करते हैं लेकिन रैपिड मैट्रो की सेवा लेने वालों की तादाद महज 15 हजार हो गई। जिसके बाद इसका संचालन करने वाली कम्पनी ने हरियाणा सरकार से गुहार लगाई कि वह इसका संचालन गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के माध्यम से शुुरू करवाए। आॢथक घाटे का सामना कर रही रैपिड मैट्रो सेवा बंद होने को लेकर मामला अब हाईकोर्ट में पहुंच गया जहां से इसे गत 16 अक्तूबर तक डी.एम.आर.सी. को देने को कहा गया लेकिन हाईकोर्ट में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने इसे 22 तक किए जाने की गुहार लगाई थी। आखिरकार अब इसे दिल्ली मैट्रो को सौंप दिया गया है।