Edited By Manisha rana, Updated: 05 Jul, 2020 10:29 AM
कुमासपुर नंदीशाला में अव्यवस्था के चलते जून माह में हुई 246 गौवंश की मौत के बाद आनन-फानन में भले ही निगम प्रशासन ...
सोनीपत : कुमासपुर नंदीशाला में अव्यवस्था के चलते जून माह में हुई 246 गौवंश की मौत के बाद आनन-फानन में भले ही निगम प्रशासन ने 1 करोड़ रुपए नंदीशाला में शैड व चारा काटने वाली मशीन पर खर्च करने की बात कही है लेकिन निगम प्रशासन ऐसे दावे पहले भी कर चुका है और मामला ठंडा होते ही फिर से गौवंश को मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। अगर प्रशासन समय पर कदम उठाता तो सैंकड़ों गौवंशों को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती। इस बार भार भी यह देखने वाली बात होगी कि घोषणा के कितने दिन बाद निगम प्रशासन अपनी बात पर खरा उतरता है।
बता दें कि ग्रामीणों ने 2 माह पहले निगम अधिकारियों को नंदीशाला में हुई अव्यवस्था के बारे में अवगत कराया, लेकिन लापरवाह अधिकरियों ने व्यवस्था जानने के लिए अपनी कुर्सियों से उठना उचित नहीं समझा। परिणाम यह हुआ कि माह में 8 की औसत से रोजाना गौवंश की मौत होती रही। अधिकारियों को कई बार शिकायत देने के बाद भी हरसाना कलां व कुमासपुर गांव में निगम अधिकारियों ने जाना उचित नहीं समझा।
ऐसे में पंजाब केसरी ने मुद्दे को बारिकी से उठाते हुए 2 मई को एक विशेष समाचार प्रकाशित होने के बाद निगम ने नंदीशाला में काम करे कर्मचारियों पर फटकार लगाते हुए कहा था कि नंदीशाला के अंदर की बात मीडिया में नहीं जानी चाहिए, अगर ऐसा हुआ तो उनकों अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा, लेकिन कुमारपुर नंदीशाला में जून माह के दौरान प्रतिदिन 8 गौवंश की मौत की सूचना पंजाब केसरी के पास आखिरकार पहुंच गई और लगातार 3 दिन से इसे प्रकाशित किया जा रहा है। शुक्रवार को निमग अधिकारियों ने निरीक्षण करते हुए कुमासपुर नंदीशाला में 1 करोड़ रुपए खर्च करने की बात कहीं है। मेहरसिंह कुमासपुर, रमेश कुमासपुर, हरिप्रकाश असावरपुर, रामकिशन फौजी खेवड़ा, हवासिंह पहलवान दिपालपुर , रामसिंह हरसाना कलां व विजेंद्र नांगल कलां आदि ने कहा सरकार से इस पूरे मामले की जांच की मांग करते हुए कहा कि वे 2 माह से निगम को इस संबंध में अवगत करा रहे है, लेकिन अधिकारी उनकी शिकायत को हर बार रद्दी की टोकरी में डाल रहे है।