Edited By Manisha rana, Updated: 20 May, 2020 09:30 AM
लॉक डाउन के दौरान मजदूरों और गरीबों के लिए हालात बद से बदतर हो गए हैं, हालांकि कोरोना महामारी पूरे देश के लिए संकट लेकर आई है लेकिन जहां...
गोहाना (सुनील जिंदल) : लॉक डाउन के दौरान मजदूरों और गरीबों के लिए हालात बद से बदतर हो गए हैं, हालांकि कोरोना महामारी पूरे देश के लिए संकट लेकर आई है लेकिन जहां गरीब और असहाय लोगों के लिए खाने के लाले पड़ गए हैं वहीं गोहाना सोनीपत रोड पर गांव गढ़ी सराय नामदा खा में रहने वाली गरीब और मजदूर परिवार से संबंध रखने वाली महिलाएं गोहाना के एसडीएम कार्यालय के पिछले कई दिनों से चक्कर काट रही है क्योंकि लॉक डाउन के दौरान उनकी मेहनत मजदूरी पूरी तरह से बंद हो गई है। इसी दौरान गरीब महिला परिवारों के लिए खाने और राशन की समस्या उत्पन्न हो गई है, इन गरीब परिवारों के राशन मिलने वाले कार्ड भी सामान्य दर्जे के बनाए गए हैं लेकिन इनकी हकीकत और हालात बीपीएल परिवारों जैसे हैं।
जानकारी मुताबिक ये महिलाएं गोहाना के एसडीएम से लगातार मिलने के लिए इस उम्मीद पर आ रही हैं कि उन्हें राशन की व्यवस्था में सहयोग मिलेगा, लेकिन लगातार धक्के खाकर ये महिलाएं कई घटों तक गोहाना एसडीएम से मिलने के लिए कड़ी दोपहरी में बैठी रही, इनके हाल और बात करने के लिए कोई नही आया। अंत मे कई घण्टों तक कोई दिखाई नहीं दिया तो मीडिया के माध्यम से अपनी बात सरकार के कानों तक पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन इनकी बातों और हालातों से यहीं लगता है कि गरीबों के लिए लॉकडाउन एक अभिशाप बनकर आया है, जहां उनके हक की बात को कोई नहीं सुनता है।
एसडीएम कार्यालय पहुंची महिलाओं ने बताया कि वह कई दिनों से यहां चक्कर काट रही है और आज भी वह यहां कई घंटों से बैठी हुई है लेकिन अभी तक उनकी बात की सुनवाई किसी ने नहीं की है। उनकी सरकार से यही एक मांग है कि उनके राशन कार्ड या तो बीपीएल सूची में शामिल किए जाएं या फिर उन्हें राशन की व्यवस्था कराई जाए ताकि उनके बच्चे और परिवार भूख से ना मरे।