Edited By Shivam, Updated: 20 Mar, 2020 04:20 PM
नवनिर्वाचित राज्यसभा मेंबर दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने दावा किया है कि राज्यसभा चुनाव के नामांकन के दौरान उन्हें कई जजपा विधायकों के साथ निर्दलीय विधायकों ने समर्थन देने का प्रस्ताव दिया था। दीपेन्द्र ने कहा कि वे जेजेपी के कई विधायकों व निर्दलीय...
चंडीगढ़: नवनिर्वाचित राज्यसभा मेंबर दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने दावा किया है कि राज्यसभा चुनाव के नामांकन के दौरान उन्हें कई जजपा विधायकों के साथ निर्दलीय विधायकों ने समर्थन देने का प्रस्ताव दिया था। दीपेन्द्र ने कहा कि वे जेजेपी के कई विधायकों व निर्दलीय विधायकों का धन्यवाद करते हैं कि जिन्होंने उनके उम्मीदवार बनने की घोषणा के बाद ही उनके समर्थन में आए। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव में करीब 40 विधायकों के समर्थन से जीत हासिल की है। यह ऐसा सिर्फ इसलिए हुआ क्योंकि जेजेपी व निर्दलीय विधायक कांग्रेसी विधायकों के साथ मजबूती से बने रहे, जिससे भाजपा ने मेेरे खिलाफ कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा।
दीपेंद्र ने कुमारी सैलजा को राज्यसभा चुनाव में न उतारे जाने के विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस जैसी राजनीतिक पार्टी उम्मीदवारों के नाम तय करने को लेकर हमारी पार्टी हाई कमान सोनिया गांधी ने सभी प्रक्रियाओं को मद्देनजर रखते हुए ही मुझे यह जिम्मेवारी दी है। उन्होंने कहा कि कुमारी सैलजा हमारी पार्टी की प्रदेशाध्यक्ष हैं और मैं उनके नेतृत्व में काम करना है। वे पहली शख्स थी, जिन्हें मैंने अपने नामांकन पर उनका आशीर्वाद पाने के लिए बुलाया था।
उन्होंने हरियाणा में जजपा भाजपा के गठबंधन की सरकार पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह गठबंधन काफी खामियों भरा है। चुनाव में जजपा को जो भी वोट मिले वे इसलिए क्योंकि जजपा ने भाजपा के खिलाफ आवाज उठाई थी, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद जनादेश के साथ धोखा करते हुए भाजपा के साथ ही हाथ मिला लिया।