Edited By Shivam, Updated: 19 Jul, 2019 08:49 PM
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में पति-पत्नी के विवाद का ऐसा मामला सामने आया, जिसमें पति ने पत्नी को गुजारा भत्ता देने के बदले अजीबोगरीब शर्त रखी। वहीं जज ने भी अनोखा फैसला सुनाकर केस को रोचक बना दिया...
चंडीगढ़/भिवानी: पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में पति-पत्नी के विवाद का ऐसा मामला सामने आया, जिसमें पति ने पत्नी को गुजारा भत्ता देने के बदले अजीबोगरीब शर्त रखी। वहीं जज ने भी अनोखा फैसला सुनाकर केस को रोचक बना दिया।
दरअसल, पति ने बेरोजगार होने की दलील देते हुए गुजारा भत्ता देने में असमर्थता जताते हुए पत्नी को हर माह दाल, चावल और घी देने की पेशकश कर दी। मामला तब और भी रोचक हो गया, जब जज ने इस शर्त को स्वीकार करते हुए तीन दिन के भीतर पूरा राशन पत्नी को मुहैया कराने के आदेश जारी कर दिए।
मामला भिवानी जिले का है, जहां वैवाहिक विवाद के चलते निचली अदालत ने पति को हर माह पत्नी को तय राशि का भुगतान करने के आदेश दिए थे। इस आदेश के खिलाफ पति ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। याचिका पर सुनवाई के दौरान पति ने कहा कि वो कोर्ट द्वारा तय रकम देने में सक्षम नही है। वह जिस कंपनी में काम करता था, वह कंपनी अब बंद हो चुकी है, ऐसे में वह पैसे में भुगतान नहीं कर सकता।
याचिकाकर्ता अमित मेहरा ने कहा कि पैसा देने की जगह वह पत्नी को उसके गुजारे के लिए घर का राशन दे सकता है। वो पत्नी को प्रति माह 20 किलो चावल, 5 किलो चीनी, 5 किलो दाल, 15 किलो अनाज, 5 किलो देसी घी के अलावा रोजाना दो किलो दूध दे सकता है। हाईकोर्ट में शायद यह ऐसा पहला ही मामला होगा, जहां पैसे के स्थान पर राशन को गुजारा भत्ता के तौर पर देने की पेशकश की गई।
हाईकोर्ट ने पति की इस शर्त को स्वीकार भी कर लिया। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि पति तीन दिन के भीतर पूरा राशन अपनी पत्नी को दे व गुजारा भत्ते का पिछला भुगतान करे। अगली सुनवाई पर इस बाबत कोर्ट में हलफनामा देकर जानकारी भी दे कि उसने यह सब भुगतान कर दिया है।