Edited By Saurabh Pal, Updated: 17 Nov, 2023 06:25 PM

हरियाणा सरकार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रितशत आरक्षण के मामले में सरकार को बड़ा झटका देते हुए रद्द कर दिया है। गौरतलब है कि यह जेजेपी का बड़ा चुनावी वाद था...
चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): हरियाणा सरकार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रितशत आरक्षण के मामले में सरकार को बड़ा झटका देते हुए रद्द कर दिया है। गौरतलब है कि यह जेजेपी का बड़ा चुनावी वाद था। जन नायक जनता पार्टी द्वारा वादा किया गया था कि प्राइवेट नौकरियों में 75 फीसदी हरियाणवी युवाओं को आरक्षण मिलेगा। वहीं बता दें कि इस प्रावधान के तहत निजी सेक्टर की कंपनियों में 75 फीदसी हरियाणा के निवासियों को नौकरी देने का नियम था। बाकी 25 फीसदी नौकरी भारत के सभी राज्यों के लिये थी।
हरियाणा सरकार ने स्टेट एंप्लॉयमेंट ऑफ लोकल कैंडिडेट एक्ट 2020 बनाया था, जिसमें तय किया कि निजी कंपनियों, सोसाइटी, ट्रस्ट, साझेदारी फर्म समेत ऐसे तमाम निजी सेक्टर में हरियाणा के युवाओं को नौकरी में 75 फीसदी रिजर्वेशन देना होगा। हालांकि इससे पहले भी तय किया गया था कि रिजर्वेशन सिर्फ उन्हीं निजी संस्थानों पर लागू होगा, जहां 10 या उससे ज्यादा कर्मचारी नौकरी कर रहे हों और वेतन 30 हजार रुपए प्रतिमाह से कम हो।
इस मामले में साल 2021 में श्रम विभाग ने नोटिफिकेशन भी जारी किया था कि हरियाणा में निजी कंपनियों में हरियाणा के मूल निवासियों को 75 फीसदी नौकरियां देनी होंगी। जिसके बाद इस कानून के खिलाफ कई बड़ी प्राइवेट कंपनियों सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चैलेंज किया था। इस मामले में एक माह पहले कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस फैसले में लंबी सुनवाई के बाद जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन की बेंच ने फैसला सुनाया है।
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