हरियाणा में शिल्पकारों के लिए बड़ी सौगात, CM सैनी ने शुरू की ‘मुख्यमंत्री विश्वकर्मा सम्मान योजना’

Edited By Deepak Kumar, Updated: 17 Sep, 2025 07:11 PM

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भगवान श्री विश्वकर्मा जयंती के पावन अवसर और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस पर हरियाणा में कारीगरों और शिल्पकारों को बड़ी सौगात मिली। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री विश्वकर्मा सम्मान योजना की शुरुआत की।

डेस्कः भगवान श्री विश्वकर्मा जयंती के पावन अवसर और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस पर हरियाणा में कारीगरों और शिल्पकारों को बड़ी सौगात मिली। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री विश्वकर्मा सम्मान योजना की शुरुआत की। इस योजना के अंतर्गत हरियाणा के उन कारीगरों को 5 हजार रुपये का टॉप अप प्रोत्साहन दिया जाएगा, जो प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं।

नए भारत के शिल्पी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी हैः सीएम सैनी

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री विश्वकर्मा सम्मान योजना की शुरुआत की। इस योजना के अंतर्गत हरियाणा के उन कारीगरों को 5 हजार रुपये का टॉप अप प्रोत्साहन दिया जाएगा, जो प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। मुख्यमंत्री ने बुधवार को रोहतक में श्री विश्वकर्मा जयंती एवं श्रमिक दिवस समारोह पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह शुभ संयोग है कि आज दिव्य शिल्पी भगवान श्री विश्वकर्मा जी की जयंती है। 21वीं शताब्दी के नए भारत के शिल्पी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी है। उन्होंने हरियाणा की पौने 3 करोड़ जनता की ओर से भगवान विश्वकर्मा को नमन किया प्रधानमंत्री को जन्म दिन की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विश्वकर्मा शिक्षा समिति, रोहतक को 31 लाख रुपये देने की घोषणा की। साथ ही, उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा समाज द्वारा आवेदन करने पर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के नियमानुसार प्लॉट आवंटित किया जाएगा। इसके अलावा, मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत प्रदेश में 4200 बेटियों की शादी के लिए 22 करोड़ रुपये की राशि 30 सितंबर तक जारी कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना के तहत जल्द पंजीकरण शुरू होगा और जल्द ही बहनों को 2100 रुपये प्रति माह का लाभ दिया जाएगा।

श्रम और कौशल की बदौलत हमारा विकास हुआ हैः मुख्यमंत्री 

मुख्यमंत्री ने दिव्य शिल्पी, भगवान विश्वकर्मा जी को नमन करते हुए कहा कि यह दिन उन सभी मेहनती, ईमानदार और कर्मठ श्रमिकों के प्रति सम्मान प्रकट करने का है, जो अपनी मेहनत से देश के विकास की गाथा लिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्री विश्वकर्मा जी ने कर्म कौशल के माध्यम से मेहनत करने की प्रेरणा दी थी। उन्हीं की प्रेरणा से प्राचीन काल से लेकर आज तक उनके लाखों साधनों के श्रम और कौशल की बदौलत हमारा विकास हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज चुनौतियां भी हैं, औज़ार महंगे हैं, डिजाइन बदलते हैं, बाजार तक पहुंचना मुश्किल है और क्रेडिट की जरूरत रहती है। इन्हीं तथ्यों को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना' चलाई है। इस योजना में कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है, प्रशिक्षण के दौरान 500 रुपये प्रतिदिन स्टाइफंड दिया जाता है और टूल किट भी दी जाती है। कारोबार के लिए मामूली ब्याज दर पर ऋण भी दिया जाता है। यही नहीं, उत्पादों के सत्यापन, ब्रांडिंग, प्रचार के लिए मदद की जाती है। ई-कॉमर्स तथा जैम पोर्टल पर भी पहुंच दी जाती है ताकि कारीगर अपने उत्पाद देश-विदेश में कहीं भी बेच सकें। 

प्रदेश में 41,366 आवेदक पंजीकृत हुएः सीएम

उन्होंने कहा कि इस योजना को हरियाणा में लागू कर रहे हैं। प्रदेश में 41,366 आवेदक पंजीकृत हुए हैं। इनमें से 30,655 कारीगरों का कौशल प्रशिक्षण पूरा हो चुका है और लगभग 12 हजार कारीगरों को टूल किट भी दी जा चुकी है। इसके अलावा, 6 हजार कारीगरों को 56 करोड़ रुपये के ऋण दिये जा चुके हैं। प्रदेश सरकार ने जिला पलवल के दुधोला में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की है। यह विश्वविद्यालय पूरे देश के लिए कौशल शिक्षा का एक अनुपम मॉडल बनकर उभरा है।

आज देश तेजी से आगे बढ़ रहा हैः सैनी 

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि आज देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में भारत विश्व की चौथी सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बनने के बाद अब तीसरी सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बनने की ओर अपने कदम बढ़ा चुका है। देश की यह तरक्की श्रम-शक्ति के बल पर ही हुई है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2047 तक 'विकसित भारत' का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने में भी श्रम शक्ति की अहम भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण और उद्योगों में कार्यरत पंजीकृत श्रमिकों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के लाभ डी.बी.टी. के माध्यम से दिए जा रहे हैं। भवन निर्माण और उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों के फेफड़े सिलिकोसिस की विकट बीमारी से प्रभावित होते हैं, उनके लिए पुनर्वास नीति लागू की गई है। 

इस नीति के तहत अब तक लगभग 38 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है। 'मुख्यमंत्री श्रम पुरस्कार योजना' के तहत श्रेष्ठ श्रमिकों को पुरस्कार दिये जाते हैं। श्रमिक परिवारों को 'कन्यादान स्कीम' के तहत बेटियों की शादी के लिए हर शादी में 1 लाख 1 हजार रुपये का कन्यादान दिया जाता है। इसी प्रकार, बेटे व स्वयं की शादी पर भी 21 हजार रुपये की शगुन राशि दी जाती है। उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों के कल्याण के लिए 'हरियाणा असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड' गठित किया गया है। विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मगार कल्याण बोर्ड द्वारा पिछले 11 वर्षों में निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए 3,866 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं। हरियाणा श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा भी 11 वर्षों में श्रमिकों के कल्याण के लिए लगभग 778 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं।

'वोकल फॉर लोकल' को जीवन का व्यवहार बनाएंगे: मुख्यमंत्री 

मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि हम संकल्प लें कि कारीगरों का सम्मान करेंगे। उन्हें सशक्त करेंगे और उन्हें समृद्ध करेंगे। 'वोकल फॉर लोकल' को जीवन का व्यवहार बनाएंगे। मुख्यमंत्री ने भगवान श्री विश्वकर्मा जयंती समारोह स्थल पर सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग की ओर से लगाई गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन वृतांत को केंद्रित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रदर्शनी में नरेंद्र मोदी की जनसेवा को समर्पित योजनाओं के साथ ही प्रदर्शनी के माध्यम से उनकी कुशल कार्यशैली को प्रदर्शित किया गया। विभाग के महानिदेशक के. मकरंद पांडुरंग ने प्रदर्शनी के बारे में विस्तार से जानकारी सांझा की। 

इन लोगों को किया सम्मानित

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने टेराकोटा श्रेणी में फरीदाबाद निवासी महेंद्र कुमार को प्रथम पुरस्कार के रूप में 3 लाख रुपये, लकड़ी और बांस शिल्प श्रेणी में कुरुक्षेत्र निवासी दीपक को 3 लाख रुपये, धातु में रेवाड़ी के शिव कुमार को 3 लाख रुपये, हथकरघा में पानीपत के खेमराज को 3 लाख रुपये, वहीं चित्रकला क्षेत्र में रेवाड़ी के सुरेंद्र कुमार को द्वितीय पुरस्कार के रूप में 51 हजार रुपये व टेराकोटा में फरीदाबाद के केदार को 51 हजार रुपये के सम्मान से नवाजा।
 

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