Edited By Shivam, Updated: 11 Jan, 2019 07:36 PM
गुरूग्राम में चैन स्नैचिंग की वारदातें बढ़ी तो नहीं लेकिन रूकने का नाम भी नहीं ले रही हैं। गुरूग्राम में स्नैचरों का आंतक इतना बढ़ चुका कि ये अपराधाी किसी ना किसी मासूम को अपना शिकार बनाने में कामयाब हो रहे हैं, जबकि गुरूग्राम पुलिस इनको पकडऩे में...
गुरुग्राम(सतीश): गुरूग्राम में चैन स्नैचिंग की वारदातें बढ़ी तो नहीं लेकिन रूकने का नाम भी नहीं ले रही हैं। गुरूग्राम में स्नैचरों का आंतक इतना बढ़ चुका कि ये अपराधाी किसी ना किसी मासूम को अपना शिकार बनाने में कामयाब हो रहे हैं, जबकि गुरूग्राम पुलिस इनको पकडऩे में नाकाम साबित रही है। साल 2017 में गुरूग्राम में 509 लोगों को स्नैचरों ने अपना शिकार बनाया जबकि साल 2018 में ये आकड़ा 504 का रहा।
आकड़ों के मुताबिक, स्नैचरों ने सबसे ज्यादा टारगेट महिलाओं को बनाया, लेकिन पुलिस इन आकड़ों के आधे से कम ही केसों को सुलझा पाई है। हालांकि गुरूग्राम पुलिस दावा कर रही है कि स्नैचरों को पकडऩे के लिए अलग से विंग भी बना रखी है और समय पर इस क्राईम से जुड़े आरोपियों की गिरफ्तारी करती रहती है।
गुरूग्राम पुलिस के आकड़ों पर अगर नजर डालें तो साल 2017 में पुलिस केवल 201 ही केसों को सुलझाने में सफल हुई, जबकि साल 2018 में हुए केसों के मुकाबले गुरूग्राम पुलिस ने 250 केसों को सॉल्व किया। लेकिन बाकि केसों को सुलाझाने और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए गुरूग्राम पुलिस अभी भी जांच में जुटी है।
ये स्नैचर अपनी जान के साथ दूसरों की जान भी जोखिम में डालकर इन वारदातों को अंजाम देते हैं। कई केसों में छीना छपटी के दौरान पीड़ितों की जान पर बन आई थी लेकिन आज भी पुलिस उनके आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफल नहीं हो पाई है।