Edited By Yakeen Kumar, Updated: 09 Jun, 2025 06:51 PM

प्रदेश की राजनीति में एक मजबूत पकड़ रखने वाली किरण चौधरी जो पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पुत्रवधू हैं वह आज भारतीय जनता पार्टी की एक बड़ी नेता है व राज्यसभा सांसद हैं उन्होंने पंजाब केसरी से बातचीत के दौरान जहां पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह...
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : प्रदेश की राजनीति में एक मजबूत पकड़ रखने वाली किरण चौधरी जो पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पुत्रवधू हैं वह आज भारतीय जनता पार्टी की एक बड़ी नेता है व राज्यसभा सांसद हैं उन्होंने पंजाब केसरी से बातचीत के दौरान जहां पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर कई तरह के बड़े कटाक्ष किए, वहीं प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को बेहतरीन शख्सियत और बेहद मिलनसार बताते हुए कहा कि मैं व मेरी बेटी श्रुति कई बार इस प्रकार की चर्चा करते हैं कि हरियाणा का सौभाग्य है कि इतने मेहनती व्यक्ति प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। बिना कोई रेस्ट लिए पूरा पूरा दिन काम करने के बावजूद शाम को फिर बिना किसी शिकन मीटिंगस लेना बड़ी बात है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा जो केवल अपनी तथा अपने पुत्र की राजनीति को मजबूत करने की कोशिश करते हुए पार्टी को शून्य की कगार पर ले आए हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की दरियादिली और मिलनसार रवैए से पार्टी का स्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रदेशहित में लगातार कार्य कर रहे मुख्यमंत्री गरीबों से भी हाथ जोड़कर बात करते हैं।
देखेंगे राहुल कितने लंगड़े घोड़ों को रिटायर करेंगे : किरण
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में केवल निजी स्वार्थ का सिलसिला आज भी जारी है, जहां किसी को आगे नहीं आने दिया जाता। पार्टी पर कुंडली मार बापू बेटा बैठे हैं। जिनका पार्टी के प्रति बिल्कुल समर्पण नहीं है। उन्होंने कहा कि इतने लंबे समय तक नेता प्रतिपक्ष का चयन न होने का कारण भी यही है, पार्टी को मजबूत करने की चाहत और सोच रखने वाले ऊर्जावान नेता को आगे नहीं आने दिया जाता और यह बात हरियाणा की जनता को जानती है। उन्होंने कहा कि यह हरियाणा का दुर्भाग्य है कि हरियाणा में आज मजबूत विपक्ष नहीं है, क्योंकि प्रजातंत्र में मजबूत विपक्ष का होना जरूरी होता है। क्योंकि विपक्ष का काम जनता का प्रहरी बने रहना होता है। उन्होंने राहुल गांधी के चंडीगढ़ आगमन पर बोलते हुए कहा कि ऐसे प्रयास राहुल पहले कई बार कर चुके हैं। लेकिन अंत में रिजल्ट शून्य पर रहता है क्योंकि उनकी बात कोई नहीं सुनता। हां राहुल गांधी जब आए तो एक टेबल पर सभी नजर अवश्य आए लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह सभी एक हैं। राहुल गांधी लंगड़े घोड़ों को रिटायर करने की बात कह रहे थे, देखते हैं वह कितनों को रिटायर करेंगे क्योंकि बोलना बहुत आसान होता है।
(पंजाब केसरी हरियाणा की खबरें अब क्लिक में Whatsapp एवं Telegram पर जुड़ने के लिए लाल रंग पर क्लिक करें)