Edited By Punjab Kesari, Updated: 25 Oct, 2017 05:23 PM
प्रदेश में बहुमत से बनी बीजेपी सरकार ने गांव के विकास का नया रास्ता अपनाते हुए केवल पढ़े-लिखे सरपंचों का चयन किया। लेकिन सरकार का ये फैसला लागू तो किया गया लेकिन इसका असर फीका पड़ गया। आए दिन किसी न किसी सरपंच के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो ही जाता...
सोनीपत (पवन राठी): प्रदेश में बहुमत से बनी बीजेपी सरकार ने गांव के विकास का नया रास्ता अपनाते हुए केवल पढ़े-लिखे सरपंचों का चयन किया। लेकिन सरकार का ये फैसला लागू तो किया गया लेकिन इसका असर फीका पड़ गया। आए दिन किसी न किसी सरपंच के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो ही जाता है। इसी कड़ी में एक और फर्जीवाड़ा मामला सामने आया है। सोनीपत के शियाखेड़ा गांव का के संरपच ने चुनाव के समय में अपनी 8 का फर्जी प्रमाण पत्र दाखिल करवाया था और इसका खुलासा आरटीआई से हुआ। वही अधिकारी भी संरपच के कागजात को नकली मानते हुए कार्रवाई के आदेश दे चुके हैं। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जिसके बाद डीसी ने जल्द कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
गांव शियाखेड़ा में चुने गए सरंपच ने चुनाव के समय में नियम पूरे करते हुए अपनी 8वीं कक्षा की प्रमाण पत्र उत्तर प्रदेश से लेकर आया था। जोकि फर्जी तरीके से प्राप्त किया गया था, जिसके बाद एडीसी ने भी उसके प्रमाण पत्र को नकली बताते हुए डीडीपीओ को जांच सौंपी, और कार्रवाई करने के लिए आदेश दिए थे। शिकायतकर्ता सुनील ने बताया है कि अभी तक 2 महीने हो चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
वहीं डीसी के एम पाडूरंग का कहना है कि, एक नहीं बल्कि 4-5 संरपचों का ऐसा ही मामला है। अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई है इसका जवाब अधिकरियों से जवाब मांगा जाएगा, अगर किसी की लापरवाही सामने आती है तो उसपर भी कार्रवाई की जाएगी।
जिस तरह से एक के बाद एक फर्जी प्रमाण पत्रों का मामला सामने आ रहा है कहीं ये सरकार से विकास कार्य के सपने को न रोक दे।