Edited By Manisha rana, Updated: 14 Jul, 2022 01:13 PM
लंबे समय से पंचायत चुनावों के इंतजार में बैठी जनता के लिए बेहद राहत भरी खबर है। चुनाव को सितंबर में करवाने के संकेत राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने दिए...
चंडीगढ़ (धरणी) : लंबे समय से पंचायत चुनावों के इंतजार में बैठी जनता के लिए बेहद राहत भरी खबर है। चुनाव को सितंबर में करवाने के संकेत राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने दिए हैं। जिसे लेकर चुनाव आयोग ने सभी जिला उपायुक्तों को आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी कर दिए हैं और सरकार को एक पत्र भी लिखा है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट द्वारा 10 मई 2022 को आए निर्देशों के बाद यह चुनाव शीघ्र करवाया जाना अति आवश्यक है। जिसे लेकर चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को पंचायतों, जिला परिषद और पंचायत समितियों के शीघ्र वार्ड बंदी करने के निर्देश जारी किए हैं।
इस चुनाव में राज्य सरकार द्वारा बनाए गए 2020 के नियमानुसार महिलाओं को 50 फ़ीसदी हिस्सेदारी मिलेगी और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों को लेकर ड्रा ऑफ लॉट निकालने के भी निर्देश दिए हैं। इस चुनाव में सुप्रीम कोर्ट की हिदायतों के अनुसार प्रदेश में इस बार पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित कोई सीट नहीं होगी। क्योंकि प्रदेश में अभी पिछड़ा आयोग गठित नहीं हो पाया है।
दरअसल राज्य सरकार को पत्र लिखना चुनाव आयोग की एक सामान्य प्रक्रिया है। क्योंकि बिना जिला प्रशासन और पुलिस की मदद के चुनाव संपन्न करवाना संभव नहीं है। चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने बताया कि ऐसा भी संभव है कि पूरे प्रदेश में यह चुनाव एक साथ एक फेज में करवाए जाएं, इसके लिए केंद्रीय पैरामिलिट्री फोर्स की जरूरत भी पड़ सकती है। इसके लिए यह पत्र लिखा गया है। धनपत सिंह ने बताया कि जिला उपायुक्त जिला निर्वाचन अधिकारी भी होते हैं, उनको इलेक्ट्रोल की रिवीजन, चुनाव सामग्री तैयार करने और चुनाव आयोग से जरूरत अनुसार सामग्री, बजट और ईवीएम की व्यवस्था के निर्देश जारी हुए हैं। बैलेट पेपर से होने वाले पंचों के चुनावों के लिए बैलट बॉक्स इत्यादि की व्यवस्था के भी निर्देश जारी हुए हैं। ईवीएम की एफएलसी भी करवाने के निर्देश चुनाव आयोग ने दिए हैं। इसके साथ-साथ उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान कोई दिक्कत ना आए, इसके लिए पावर पैक्स की व्यवस्था की जाएगी और चुनावों को लेकर मशीनों के उचित प्रयोग के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को मास्टर ट्रेनर्स ट्रेनिंग देंगे।