Edited By Manisha rana, Updated: 02 Aug, 2025 09:36 AM

कल कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम के कर्मचारियों को नियमित करने के लिए एसओपी की मंजूरी दी। वहीं रात तक सोशल मीडिया पर एक ऐसा पत्र वायरल हुआ जिसने प्रदेश में खलबली मचा दी।
हरियाणा डेस्क : कल कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम के कर्मचारियों को नियमित करने के लिए एसओपी की मंजूरी दी। वहीं रात तक सोशल मीडिया पर एक ऐसा पत्र वायरल हुआ जिसने प्रदेश में खलबली मचा दी। जिसके बाद सरकार ने इसका खंडन किया।

वायरल लेटर
लेटर में लिखा गया था कि हरियाणा में 5 साल से कम वाले कच्चे कर्मचारियों को हटाने के आदेश सरकार ने जारी किए हैं। साथ ही यह भी लिखा गया कि रिक्त स्वीकृत पदों को HKRNL के माध्यम से भर्ती की जगह नियमित भर्ती की मांग हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को भेजी जाए। ड्राइवरों की कमी होने पर उन्हें स्थानीय स्तर पर छह महीने के लिए अनुबंधित किया जा सकता है। जैसे ही वायरल लेटर सामने आया, राजनीतिक प्रतिक्रिया तेज हो गई।
हरियाणा सरकार ने लेटर का किया खंडन, जानें क्या कहा
हरियाणा सरकार ने इस पत्र का खंडन कर कहा कि सरकार ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है। विशेष रूप से महिला एवं बाल विकास विभाग के संदर्भ में सरकारी प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि विभाग में HKRNL के कुछ अस्थायी कर्मचारियों, जो पांच वर्ष से कम समय से कार्यरत हैं, को हटाने के संबंध में अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। सरकार कर्मचारियों के हितों को सर्वोपरि मानते हुए उनके भविष्य और स्थिरता को ध्यान में रखकर ही कोई कदम उठाएगी।
प्रवक्ता ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) के माध्यम से 168 नियुक्तियाँ की गई हैं, जिनमें से 155 अभ्यर्थियों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इसके अतिरिक्त, मुख्य सचिव ने सुझाव दिया है कि विभाग में रिक्त पदों की सूची HSSC को भेजी जाए, ताकि इन पर स्थायी नियुक्तियाँ की जा सकें। यह कदम न केवल रिक्त पदों को भरने में सहायक होगा, बल्कि योग्य युवाओं को स्थायी रोजगार के अवसर प्रदान करेगा।
हरियाणा सरकार का मुख्य उद्देश्य युवाओं को नियमित भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से स्थायी रोजगार प्रदान करना है, जिससे उनके करियर में स्थिरता, सुरक्षा और विकास सुनिश्चित हो। इस दिशा में सरकार पूरी गंभीरता और पारदर्शिता के साथ कार्य कर रही है। हाल ही में प्रदेश में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) का आयोजन किया गया, जिसके माध्यम से योग्य युवाओं को विभिन्न सरकारी विभागों में स्थायी नौकरियाँ प्रदान की जाएंगी। यह परीक्षा सरकार की उस प्रतिबद्धता का हिस्सा है, जो युवाओं को न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करने, बल्कि उनके दीर्घकालिक कल्याण और करियर विकास को सुनिश्चित करने के लिए है।
सरकार नियमित भर्ती प्रक्रिया को और मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसके तहत विभिन्न विभागों में रिक्त पदों की पहचान कर उन्हें शीघ्रता से भरा जा रहा है। यह प्रक्रिया न केवल बेरोजगारी को कम करने में सहायक है, बल्कि युवाओं को उनकी योग्यता के आधार पर सम्मानजनक और स्थायी रोजगार प्राप्त करने का अवसर भी प्रदान करती है। सरकार का यह भी मानना है कि स्थायी नौकरियाँ न केवल व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देती हैं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्थिरता में भी महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। हरियाणा सरकार कर्मचारियों और युवाओं के कल्याण के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। भविष्य में भी सरकार इसी दिशा में सकारात्मक और ठोस कदम उठाती रहेगी, ताकि प्रदेश के प्रत्येक युवा को उनकी प्रतिभा और मेहनत के अनुरूप अवसर प्राप्त हो सकें।