Edited By Yakeen Kumar, Updated: 08 Dec, 2025 06:18 PM

हरियाणा में नए DGP की नियुक्ति पर जारी असमंजस के बीच UPSC ने राज्य सरकार द्वारा भेजा गया अधिकारियों का पैनल खारिज कर दिया है।
चंडीगढ़ : हरियाणा में नए DGP की नियुक्ति पर जारी असमंजस के बीच UPSC ने राज्य सरकार द्वारा भेजा गया अधिकारियों का पैनल खारिज कर दिया है। सरकार की ओर से 6 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की सूची भेजी गई थी, लेकिन UPSC ने इसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए वापिस भेज दिया।
राज्य सरकार ने UPSC से डीजीपी नियुक्ति के लिए 3 नामों की फाइनल सूची चयन करने का अनुरोध किया था। भेजे गए पैनल में 1990 बैच के शत्रुजीत कपूर, 1992 बैच के ओपी सिंह और अजय सिंगल, 1991 बैच के एस.के. जैन तथा 1993 बैच के आलोक मित्तल और अर्शिंदर चावला शामिल थे।
UPSC ने अपने जवाब में स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह फैसले के अनुसार केवल उसी स्थिति में पैनल पर विचार किया जा सकता है, जब पद आधिकारिक रूप से रिक्त हो। वर्तमान में शत्रुजीत कपूर सिर्फ अवकाश पर हैं, इसलिए तकनीकी तौर पर DGP का पद खाली नहीं माना जाएगा। UPSC ने लिखा कि जब तक राज्य सरकार यह घोषित नहीं करती कि कपूर अब इस पद पर नहीं बने रहेंगे, तब तक चयन प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती।
उल्लेखनीय है कि शत्रुजीत कपूर को अगस्त 2023 में 2 वर्ष के स्थायी कार्यकाल के लिए नियुक्त किया गया था, लेकिन एक IPS अधिकारी की आत्महत्या के बाद उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया था। उनके अवकाशकाल में ओपी सिंह को कार्यवाहक DGP बनाया गया था, जबकि वे 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
अब गेंद पूरी तरह हरियाणा सरकार के पाले में है। सरकार को या तो कपूर को औपचारिक रूप से हटाने का निर्णय लेना होगा या उन्हें वापस कार्यभार सौंपना होगा। इस निर्णय का सीधा असर पुलिस प्रशासन की स्थिरता और भविष्य की नियुक्तियों पर पड़ेगा।
(पंजाब केसरी हरियाणा की खबरें अब क्लिक में Whatsapp एवं Telegram पर जुड़ने के लिए लाल रंग पर क्लिक करें)