Edited By Deepak Kumar, Updated: 06 Dec, 2024 07:15 PM
हरियाणा में नए परीसिमन से पहले नए जिलों के साथ ही उपमंडल और तहसीलों का गठन हो सकता है। सरकार की ओर से इसके लिए कैबिनेट मंत्री कृष्णलाल पंवार की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा में नए परीसिमन से पहले नए जिलों के साथ ही उपमंडल और तहसीलों का गठन हो सकता है। सरकार की ओर से इसके लिए कैबिनेट मंत्री कृष्णलाल पंवार की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी की ओर से तीन महीनों में प्रदेश की हर प्रकार की स्थिति का अवलोकन कर सरकार को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। कमेटी की ओर से नए जिलों के अलावा उपमंडल, तहसील और उपतहसील बनाने के लिए अपनी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। कमेटी जिला, तहसील और कस्बों की प्रशासनिक सीमा में बदलाव को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगी। वित्तायुक्त राजस्व और राजस्व एवं आपदा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की ओर से कमेटी बनाने का आदेश जारी किया गया है।
पहले भी बनाई गई थी कमेटी
हरियाणा में नए जिलों के गठन को लेकर विधानसभा चुनाव से पहले भी प्रदेश सरकार की ओर से पूर्व कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर की अधअयक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था। उस कमेटी में जय प्रकाश दलाल, महिपाल ढांडा और सुभाष सुधा मौजूद थे. लेकिन कंवर पाल गुर्जर, जेपी दलाल और सुभाष सुधा के चुनाव हारने की वजह से सैनी सरकार को इस कमेटी का पुनर्गठन करना पड़ा। अब कैबिनेट मंत्री कृष्णलाल पंवार की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी में कैबिनेट मंत्री महिपाल ढांडा, श्याम सिंह राणा और विपुल गोयल को कमेटी में शामिल किया गया है। जरूरत के हिसाब से कुछ अन्य विधायकों को भी कमेटी में शामिल करने पर सोचा जा सकता है। कमेटी में शामिल सदस्यों के वित्तायुक्त और विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव भी रिपोर्ट तैयार करने में कमेटी की मदद करेंगे।
इन जगहों को जिला बनाने की मांग
करनाल के असंध, सिरसा के डबवाली, गुरुग्राम के मानेसर और हिसार के हांसी को काफी लंबे वक्त से जिला बनाने की मांग चली आ रही है। हालांकि वर्तमान में हांसी और डबवाली पुलिस जिले हैं और उनको सामान्य जिला बनाने में ज्यादा व्यवधान उत्पन्न नहीं होगा।
बदलेगी लोकसभा और विधानसभा हलको की सूरत
2029 में हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के राजनीतिक नक्शे में बड़ा बदलाव हो सकता है। 2026 में प्रस्तावित परिसीमन के दौरान राज्य में 90 विधानसभा सीटों की संख्या बढ़कर 126 होने का अनुमान है। इसी तरह लोकसभा सीटों की संख्या 10 से बढ़कर 14 हो सकती है। विधानसभा की 36 और लोकसभा की चार सीटों की बढ़ोतरी के साथ हरियाणा राजनीतिक रूप से काफी ताकतवर राज्य के रूप में उभरकर सामने आएगा। 2026 में नया परिसीमन प्रस्तावित है। हालांकि 2024 के चुनाव के बाद 2029 में नया परिसीमन लागू होगा, लेकिन तब प्रदेश के राजनीतिक समीकरण कुछ अलग ही तरह के होंगे। परिसीमन आयोग हर 10 साल बाद विधानसभा और लोकसभा सीटों की संख्या में कमी अथवा वृद्धि करता है।
इन 10 सालों के अंतराल में आयोग के पास बहुत से ऐसे केस और अर्जियां पहुंचती हैं, जिनमें लोकसभा और विधानसभा सीटों की संख्या बढ़ाने के साथ ही उन्हें आरक्षित करने के प्रस्ताव दिए जाते हैं। संबंधित लोग अपने-अपने हिसाब से आयोग के पास दलीलें भेजते हैं, जिनका धरातल पर वेरिफिकेशन करने के बाद परिसीमन नए सिरे से किया जाता है। फिलहाल प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों में से दो अंबाला और सिरसा आरक्षित हैं, जबकि 90 विधानसभा सीटों में से 17 सीटें अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं। ऐसे में सरकार की ओर से प्रदेश को भौगोलिक हालात को देखते हुए नए जिलों के गठन के साथ तहसील, उप तहसील और उपमंडल बनाने की कवायद भी शुरू कर दी है।
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