Edited By Isha, Updated: 20 Aug, 2025 11:07 AM

हरियाणा में आईएमटी के लिए भूमि खरीद का मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच गया है। जींद जिले के गांव अलेवा निवासी किसान सुरेश कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में आईएमटी निर्माण
चंडीगढ़: हरियाणा में आईएमटी के लिए भूमि खरीद का मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच गया है। जींद जिले के गांव अलेवा निवासी किसान सुरेश कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में आईएमटी निर्माण के लिए भूमि खरीद पॉलिसी को रद्द करने की मांग की है। याचिका पर सुनवाई करते हुए पंंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने नायब सरकार से जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।
अलेवा निवासी किसान सुरेश ने याचिका के जरिए आरोप लगाए कि यह नीति किसानों के हितों के खिलाफ है और इसमें पारदर्शिता की कमी है। सुरेश कुमार ने वकील हरविंदर पाल सिंह ईशर के जरिए याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि 2013 के अनुसार भूमि अधिग्रहण से पहले सामाजिक प्रभाव आकलन और ग्राम सभा के साथ परामर्श करना अनिवार्य है। लेकिन नई नीति में इन महत्वपूर्ण कदमों को छोड़ दिया गया है।
याचिकाकर्ता सुरेश कुमार ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा घोषित यह नई पॉलिसी द राइट टू फेयर कॉम्पेनसेशन एंड ट्रांसपेरेंसी इन लैंड रिक्विजिशन, रिहेबलिटेशन एंड रि सेटलमेंट एक्ट 2013 के अनिवार्य प्रावधानों की अनदेखी करती है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि यह नीति संविधान के तहत मिले मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है।
नीति के आलोचकों का कहना है कि यह भूमि अधिग्रहण के लिए स्थापित कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है। याचिका के अनुसार इस पॉलिसी के तहत सरकार हरियाणा में विकास कार्यों के लिए 35 हजार 500 एकड़ उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव रखती है। इस नीति के तहत सरकार ने भूमि मालिकों से सीधे खरीद के लिए ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किए हैं।
याचिकाकर्ता ने इस बात पर जोर दिया कि नई नीति में भूमि के लिए अधिकतम मुआवजे की दर कलेक्टर रेट के 3 गुना तक तय की गई है। यह भूमि अधिग्रहण, रिहेबलिटेशन एंड रि सेटलमेंट एक्ट 2013 के प्रविधानों से काफी कम है। याचिका में एग्रीगेटर्स या बिचौलियों की भूमिका को भी उजागर किया गया है। पॉलिसी के अनुसार, ये बिचौलिए 1% सुविधा शुल्क के हकदार होंगे।