Edited By Isha, Updated: 06 Aug, 2025 05:25 PM

हरियाणा में वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए सरकार बड़े-बड़े दावे करती है। लेकिन इस प्रदूषण पर नजर रखने की पूरी व्यवस्था पिछले चार महीने से ठप पड़ी है। अप्रैल 2 से हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) के सभी
डेस्क: हरियाणा में वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए सरकार बड़े-बड़े दावे करती है। लेकिन इस प्रदूषण पर नजर रखने की पूरी व्यवस्था पिछले चार महीने से ठप पड़ी है। अप्रैल 2 से हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) के सभी 29 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन बंद पड़े हैं।
ऐसे में जब अक्टूबर-नवंबर में वायु प्रदूषण अपने चरम पर पहुंचेगा, तब भी क्षेत्र ‘प्रदूषण-अंधेरे’ में रह सकता है। इससे भारत के सबसे प्रदूषित क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण की रणनीतियां गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती हैं। हैरानी की बात है कि इस दौरान हरियाणा की वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े सिर्फ दो स्टेशनों से मिल रहे हैं। ये दो स्टेशन हैं गुरुग्राम और पंचकूला में स्थित भारतीय मौसम विभाग (IMD) के स्टेशन।
इस संकट की वजह HSPCB की लापरवाही है। बोर्ड ने मॉनिटरिंग स्टेशनों की देखरेख कर रही एजेंसी का कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद नया वैकल्पिक इंतजाम नहीं किया। इसके चलते मॉनिटरिंग स्टेशन धीरे-धीरे बंद होते चले गए। 31 अक्टूबर 2024 के बाद यह प्रक्रिया शुरू हुई और 31 दिसंबर तक करीब 50% स्टेशन काम करना बंद कर चुके थे। HSPCB और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) इन आंकड़ों का इस्तेमाल प्रतिदिन वायु गुणवत्ता बुलेटिन जारी करने के लिए करते हैं, जबकि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) इन्हीं डाटा के आधार पर प्रदूषण नियंत्रण की रणनीतियां बनाता है।