Edited By Isha, Updated: 06 Aug, 2025 06:05 PM

जिला नगर योजनाकार विभाग (डीटीपी ) की टीम ने बुधवार को इंद्री क्षेत्र में तीन अवैध कॉलोनियों पर तोड़फोड़ की कार्रवाई की। इस दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए भारी पुलिस बल भी मौके पर
इंद्री (मैनपाल): जिला नगर योजनाकार विभाग (डीटीपी ) की टीम ने बुधवार को इंद्री क्षेत्र में तीन अवैध कॉलोनियों पर तोड़फोड़ की कार्रवाई की। इस दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए भारी पुलिस बल भी मौके पर मौजूद रहा।तोड़फोड़ की कार्रवाई करनाल रोड, मुरादगढ़ रोड और दरगाह पीर के पास स्थित अवैध कॉलोनियों में की गई।

डीटीपी टीम ने इन कॉलोनियों में बने डीपीसी रैंप और शोरूम के शटर तक ध्वस्त कर दिए। यह कोई पहली कार्रवाई नहीं है इससे पहले भी इंद्री में कई बार अवैध कॉलोनियों पर इसी प्रकार की कार्रवाई हो चुकी है, फिर भी यह अवैध निर्माण कार्य रुकने का नाम नहीं ले रहे।स्थानीय नागरिक सतबीर और राजपाल का कहना है कि प्रशासन की इस कार्रवाई का खामियाजा हमेशा गरीब लोगों को उठाना पड़ता है।
कॉलोनाइज़र (भूमि डीलर) तो बच जाते हैं, लेकिन आम लोग, जो अपनी गाढ़ी कमाई से मकान बनाने की कोशिश करते हैं, उनका नुकसान हो जाता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कार्रवाई में भेदभाव किया गया है। जहां एक ओर तीन कॉलोनियों पर तोड़फोड़ की गई, वहीं कुछ अन्य कॉलोनियों को छोड़ दिया गया। उदाहरण के तौर पर, नन्हेड़ा गांव के पास बनी एक अवैध कॉलोनी में भी डीटीपी की टीम पहुंची थी, लेकिन कुछ समय रुकने के बाद बिना कार्रवाई के लौट गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि निष्पक्ष और सख्त कार्रवाई की जाए, तो ऐसी कॉलोनियाँ पनप ही नहीं सकतीं।

जिला नगर योजनाकार गुंजन वर्मा ने कहा कि अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे अवैध कॉलोनियों में प्लॉट न खरीदें। केवल सरकार द्वारा अनुमोदित कॉलोनियों में ही निवेश करें और कॉलोनाइज़रों के झांसे में न आएँ।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि भविष्य में गांव संगोहा के पास लगभग 20 एकड़ क्षेत्र में फैली ‘लॉजिस्टिक पार्क’ नामक अवैध कॉलोनी पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस कॉलोनी पर पहले भी कार्रवाई हो चुकी है और अब फिर से वहां की विज़िट कर कार्रवाई की तैयारी है। साथ ही, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अवैध कॉलोनियों को किसी भी कीमत पर नहीं पनपने दिया जाएगा और ज़रूरत पड़ी तो कॉलोनाइज़रों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जाएगी।