मानव अधिकार आयोग ने हरियाणा में DSP को किया तलब, जानिए क्या है पूरा मामला

Edited By Isha, Updated: 08 Aug, 2025 01:36 PM

human rights commission summoned dsp in haryana

पंचकूला के पिंजौर थाने में कोर्ट से 27 जून को  जमानत के बाद एक व्यक्ति को दिनांक 15 जुलाई 2025 को पुनः पुलिस द्वारा गिरफ़्तार करके प्रताड़ित करने पर मानव अधिकार आयोग ने हरियाणा में डी सी पी को तलब किया है।

चंडीगढ(चन्द्र शेखर धरणी ): पंचकूला के पिंजौर थाने में कोर्ट से 27 जून को  जमानत के बाद एक व्यक्ति को दिनांक 15 जुलाई 2025 को पुनः पुलिस द्वारा गिरफ़्तार करके प्रताड़ित करने पर मानव अधिकार आयोग ने हरियाणा में डी सी पी को तलब किया है। 

एक मुलजिम प्रवेश के  27 जून 2025 को कोर्ट में पेश किया गया था तथा पुलिस ने दो दिन की पुलिस रिमांड मांगा था  पर पुलिस की दलीलों से अदालत संतुष्ट नहीं थी और आरोपी पर दिखाए गए अवैध हथियार की टेक्निकल पुष्टि को भी पुलिस पेश नहीं कर पाई थी इसलिए अपराधी को पुलिस द्वारा कोर्ट ने ज़मानत दे दी थी परंतु ज़मानत मिलने के बाद दिनांक 15 जुलाई 2025 को पिंजौर पुलिस ने आरोपी को दोबारा थाने में बुलाया और आरोपी को थाने में न सिर्फ़ 24 घंटे से अधिक अवैध हिरासत में रखा बल्कि उसको थाने  व बाहर ले जाकर बुरी तरह से मारा पीटा और प्रताड़ना दी गई यह विषय पंचकूला के वक़ील श्री दीपांशु बंसल ने 16 जुलाई 2025 को मानवाधिकार आयोग में श्री दीप भाटिया की पीठ के  समक्ष शिकायत दायर करके रखा जिस पर आयोग ने पंचकूला पुलिस आयुक्त  से जाँच रिपोर्ट माँगी थी ।


पिछली सुनवाई की तारीख पर 30.07.2025 को, पुलिस उपायुक्त, अपराध एवं यातायात, पंचकूला, आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। उक्त रिपोर्ट में, शिकायतकर्ता की शिकायत में लगाए गए आरोपों का  खंडन किया गया था। उक्त रिपोर्ट का अध्ययन करने पर, आयोग को कुछ बुनियादी कमियाँ मिलीं और अपने आदेश द्वारा पंचकूला के वक़ील श्री दीपांशु बंसल व  पुलिस अधिकारियों को इस मामले को बेहतर ढंग से समझने के लिए इससे संबंधित सभी दस्तावेज़ प्रस्तुत करने के निर्देश दिया।

आज तत्कालीन जांच अधिकारी एस.आई. यादविंदर सिंह उपस्थित हुए और उन्होंने वर्तमान मामले से संबंधित कुछ दस्तावेज़ प्रस्तुत किए परन्तु कुछ मांगे गए दस्तावेज नहीं उपलब्ध बताए गए।
इसके पश्चात वक़ील दीपांशु बंसल ने 06.08.2025 को आयोग के सामने कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ अवैध हिरासत को लेकर तथा आपत्तियां प्रस्तुत की। उन्होंने अपनी आपत्तियों के माध्यम से पुलिस उपायुक्त पंचकूला के ख़िलाफ़ बहुत ही गंभीर आरोप लगाए ।


आयोग के सदस्या श्री दीप भाटिया की पीठ ने अवलोकन में पाया कि यह मुख्य रूप से पुलिस द्वारा वर्तमान मामले को संभालने में कई खामियों की ओर इशारा करता है और आयोग ने यह भी देखा कि पुलिस ने इस मामले में बहुत लापरवाही दिखाई है पुलिस द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के किसी भी निर्देश व आदेश का पालन नहीं किया गया और शिकायतकर्ता को बिना नोटिस  उन्हीं धाराओं में जमानत के बाद पुनःअवैध तरीके से  हिरासत  में लेकर प्रताड़ना  की ।

मामले में मानव अधिकारों के गंभीर हनन को देखते हुए हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने  पंचकूला की पुलिस उपायुक्त सृष्टि गुप्ता जो कि इस मामले को वरिष्ठ अफसर के तौर पर देख रही थी और उन्होंने इस मामले में कई लिखित आदेश भी जारी किए थे को अगली सुनवाई पर आयोग के सामने 20.08.2025 को सारा पुलिस रिकॉर्ड इस मामले को लेकर अपना पक्ष रखने व उपस्थित होने के सख़्त निर्देश दिए है इसके इलावा आरमोरर को भी अगली सुनवाई पर आयोग के सामने उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।हरियाणा मानव अधिकार आयोग सर्वोच्च न्यायालय के दिए हुए निर्देशों और मनुष्य के मूलभूत अधिकारों के हनन पर कड़ी कार्रवाई पहले भी कई केसों में कर चुका है।


 

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