Edited By Yakeen Kumar, Updated: 08 Aug, 2025 04:15 PM

हरियाणा के एक गांव का इतिहास हजारों सालों पुराना होने के संकेत मिले हैं। यहां एक मौर्यकालीन गाँव की खोज के दौरान प्राप्त ये खोजें बताती हैं कि इस क्षेत्र में मानव निवास लगभग 3,500 वर्ष पुराना हो सकता है।
यमुनानगर : हरियाणा के यमुननागर जिले में एक गांव का इतिहास हजारों साल पुराना होने के संकेत मिले हैं। ये गांव यमुनागर जिले का टोपरा कलां है। यहा चित्रित धूसर मृदभांड, मुद्रांकित मिट्टी के बर्तन, ढली हुई ईंटें और एक गुंबदनुमा संरचना के अवशेष मिले हैं। जिन्हें बौद्ध स्तूप माना जा रहा है। यहां एक मौर्यकालीन गाँव की खोज के दौरान प्राप्त ये खोजें बताती हैं कि इस क्षेत्र में मानव निवास लगभग 3,500 वर्ष पुराना हो सकता है।
हरियाणा पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग (HAMD) के अधिकारियों ने बताया कि ये निष्कर्ष दो रिपोर्टों के विश्लेषण पर आधारित हैं। विभाग की स्थलीय अन्वेषण रिपोर्ट और जनवरी में यमुनानगर जिले के टोपरा कलां गाँव में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर द्वारा किया गया ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) सर्वेक्षण। IIT कानपुर ने जुलाई में अपने निष्कर्ष राज्य विभाग को सौंप दिए थे।
प्राचीन बस्ती के संकेत मिले हैं
हरियाणा के अधिकारियों के अनुसार, सर्वेक्षण में कई दिशाओं में व्यवस्थित दीवारों, चबूतरों और कमरे जैसे घेरों जैसी दबी हुई स्थापत्य संरचनाएँ सामने आई हैं। उन्होंने बताया कि ये संरचनाएँ 4-5 मीटर की गहराई तक पहुँचती हैं, जो एक सुव्यवस्थित प्राचीन बस्ती का संकेत देती हैं। सर्वेक्षण में एक संभावित गुंबदनुमा संरचना, जो एक स्तूप हो सकते हैं।
1,500 ईसा पूर्व होने का है अनुमान
हरियाणा पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन खोजों के आधार पर यह स्थल करीब 1,500 ईसा पूर्व होने का अनुमान है। बौद्ध स्थलों के संदर्भ में ये निष्कर्ष हरियाणा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होनें बताया कि हमने इस स्थल की खुदाई नहीं की, क्योंकि यह क्षेत्र (टोपरा कलां) के अंतर्गत आता है। 2024 में, हमने टीलों और निचले इलाकों सहित आसपास के कुछ क्षेत्रों की खोज शुरू की और प्राचीन मिट्टी के बर्तन और अन्य सांस्कृतिक सामग्रियाँ पाईं थीं।

कई प्राचीन वस्तुओं के मिले हैं अवशेष
हरियाणा पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के प्रथम महानिदेशक सर अलेक्जेंडर कनिंघम और एक प्रमुख बौद्ध विद्वान ह्वेन त्सांग सहित ऐतिहासिक संदर्भों से पता चलता है कि टोपरा कलां उस समय बौद्ध गतिविधियों का एक प्रमुख केंद्र रहा होगा। अधिकारियों के अनुसार, राज्य के पुरातत्वविदों ने अब तक चित्रित धूसर मृदभांड, काले और लाल मृदभांड, लाल पर काले मृदभांड, काले मृदभांड, मुद्रांकित मृदभांड, ढली हुई ईंटें, मनके और अन्य वस्तुओं के अवशेष प्राप्त किए हैं।
विभाग दो साल से कर रहा है खोज
टोपरा कलां गाँव को दिल्ली-टोपरा अशोक स्तंभ का मूल स्थान माना जाता है, जिस पर मौर्य सम्राट के नैतिक आदेश अंकित हैं। इस स्तंभ को 14वीं शताब्दी में फिरोज शाह तुगलक द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में स्थानांतरित कर दिया गया था। बता दें कि कि हरियाणा पुरातत्व विभाग करीब 2 वर्षों से इस टोपरा कलां के आसपास के स्थलों की खोजबीन रहा है।
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