हरियाणा के प्राचीन मंदिर में इन दिनों जुट रही भारी भीड़, महाभारत काल से जुड़ा है इतिहात, पढ़ें पूरी खबर

Edited By Yakeen Kumar, Updated: 29 Sep, 2025 10:04 PM

history of bhimeshwari devi temple beri

नवरात्र में सुबह 5 बजे मंगल आरती के बाद कपाट खोले जाते हैं और रात 9 बजे तक दर्शन होते हैं।

झज्जर: नवरात्र के अवसर पर झज्जर जिले बेरी स्थित प्राचीन भिमेश्वरी देवी मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। पांडवों की कुलदेवी मानी जाने वाली मां भिमेश्वरी का मंदिर महारानी गांधारी द्वारा बनवाया गया था। गर्भगृह में मां की प्रतिमा चांदी के सिंहासन पर विराजमान है। प्रतिदिन विशेष पूजा-अर्चना के बाद देवी की सवारी पुलिस सुरक्षा के बीच निकाली जाती है। मंदिर परिसर को पश्चिम बंगाल के कारीगरों ने कोलकाता से मंगाए गए विशेष फूलों और रोशनी से सजाया है। मुख्य मेला 28 से 30 सितंबर तक आयोजित किया जा रहा है।

नवरात्र में सुबह 5 बजे मंगल आरती के बाद कपाट खोले जाते हैं और रात 9 बजे तक दर्शन होते हैं। इस दौरान बच्चों के मुंडन और नवविवाहित जोड़ों द्वारा गांठ खोलने की परंपरा निभाई जाती है। भक्तों की सुविधा के लिए प्रसाद चढ़ाने का एक ही स्थान तय किया गया है और दर्शन के लिए जिगजैग लाइन की व्यवस्था की गई है।

मान्यता है कि महाभारत युद्ध के दौरान श्रीकृष्ण के कहने पर भीम कुलदेवी को कंधे पर लेकर चले थे और बेरी क्षेत्र में उतारने पर देवी यहीं विराजमान हो गईं। बाद में ऋषि दुर्वासा की प्रार्थना पर यहां दो मंदिर स्थापित हुए। आज भी श्रद्धालु मां के दरबार में आकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

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