Edited By Shivam, Updated: 27 Jul, 2020 07:59 PM
बढ़ती जनसंख्या और घटते बिजली बनाने के परम्परागत स्त्रोत के वर्तमान युग में सभी लोगों को उच्चकोटि की बिजली आपूर्ति करना एक चुनौती पूर्ण कार्य बन गया है। ऐसे समय में लोगों को सौर ऊर्जा, बॉयोगैस और अन्य प्राकृति ऊर्जा का अधिक से अधिक प्रयोग करना होगा,...
पानीपत (खर्ब): बढ़ती जनसंख्या और घटते बिजली बनाने के परम्परागत स्त्रोत के वर्तमान युग में सभी लोगों को उच्चकोटि की बिजली आपूर्ति करना एक चुनौती पूर्ण कार्य बन गया है। ऐसे समय में लोगों को सौर ऊर्जा, बॉयोगैस और अन्य प्राकृति ऊर्जा का अधिक से अधिक प्रयोग करना होगा, ताकि पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। इसके लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार की ओर से अनेक योजनाएं लागू की गई हैं, जिन पर पर्याप्त अनुदान भी दिया जा रहा है।
उपायुक्त धर्मेन्द्र सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पर्यावरण को बचाने के लिए और बॉयो खेती के लिए ऑर्गेनिक खाद तैयार करने में बॉयोगैस प्लांट तैयार करने में सहायक सिद्ध होगा। इस गैस का प्रयोग खाना बनाने, अपनी घरेलू बिजली उत्पादन के लिए किया जा सकता है। सरकार की ओर से सभी गऊशालाओं, संस्थाओं और डेयरियों में संस्थागत बॉयोगैस प्लांट लगवाने पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।
अतिरिक्त उपायुक्त प्रीति ने बताया कि 25 क्यूबिक मीटर के लिए 70 से 80, 35 क्यूबिक मीटर के लिए 100 से 110, 45 क्यूबिक मीटर के लिए 125 से 140, 60 क्यूबिक मीटर के लिए 175 से 180 और 85 क्यूबिक मीटर के लिए 250 से 270 पशुओं से प्राप्त गोबर की आवश्यकता होती है। उक्त में बॉयोगैस प्लांट लगवाने के लिए मिनी सचिवालय में द्वितीय तल पर स्थित कमरा नंबर 219 में अपने आवेदन 27 जुलाई से 15 दिनों तक किए जा सकते हैं।