Edited By vinod kumar, Updated: 07 Nov, 2020 08:18 PM
हरियाणा के नगर निगमों, पालिकाओं में सुडा(एच) के अधीन चल रही स्कीम एनयूएलएम व प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कार्यरत 250 एक्सपर्ट्स व टीसीओ को 3 महीने से वेतन न मिलने पर असंतोष व्याप्त है। हार्दिक अरोड़ा जो कि अम्बाला में कार्यरत है ने मुख्यमंत्री...
जालंधर (डेस्क): हरियाणा के नगर निगमों, पालिकाओं में सुडा(एच) के अधीन चल रही स्कीम एनयूएलएम व प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कार्यरत 250 एक्सपर्ट्स व टीसीओ को 3 महीने से वेतन न मिलने पर असंतोष व्याप्त है। हार्दिक अरोड़ा जो कि अम्बाला में कार्यरत है ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल, हरियाणा के निकाय मंत्री अनिल विज, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट कर कहा है कि एक तरफ तो सरकार पीएम स्वनिधि जैसी स्कीम जो लॉकडाउन से प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता देने की लिए बनाई है, परन्तु जो कर्मचारी इन स्कीम को कार्यान्वित कर रहे हैं उन्हें पिछले 3 महीनों के सैलरी नहीं मिली।
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के समय से सुडा(एच) के अधीन चल रही स्कीम एनयूएलएम व प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कार्यरत 250 एक्सपर्ट्स व टीसीओ की सैलरी भी काट कर दी जा रही है। सैलरी क्यों काटी जा रही है कि जानकारी किसी को आज तक नहीं दी जा रही। रोचक पहलू यह भी है कि हैड ऑफिस में कार्यरत स्टाफ को सैलरी दी जा रही है।
@PMOIndia @narendramodi @cmohry @mlkhattar It is very sad to say that the BJP GOVERNMENT who is making schemes like PM Svanidhi for the people affected by Lockdown and the govt. Employees whom are bringing it to implementation the same scheme are not being paid.#wewantoursalary
— Hardik Arora (@HardikArora13) November 6, 2020
250 एक्सपर्ट्स व टीसीओ की अब परफॉर्मेंस रिपोर्ट की आड़ में सैलरी रोकी जा रही है। जबकि एक्सपर्ट्स व टीसीओ के हाथ में कुछ भी कार्य शक्ति या वित्तीय ताकत नहीं है। यह लोग हर नगर निगमो, पालिकाओं में कार्यरत सी पी ओ, ई ओ या सचिव के अधीन होते हैं। इन लोगों द्वारा किए गए कामों की पूरी जानकारी नगर निगमों, पालिकाओं में कार्यरत सी पी ओ, ई ओ या सचिव जो नोडल ऑफिसर व डिसीजन मेकर हैं को दी जाती है। नोडल ऑफिसर अध्यक्ष या कमिश्नर तक यह फाइल अप्रुव करवा इम्प्लीमेंटेशन करते हैं।
3 महीने से वेतन न मिलने पर कोई भी आला अधिकारी इनकी सैलरी दिलवाने के लिए प्रयासरत नहीं है। सुडा का मैन ऑफिस पंचकूला में है। अब यह सुडा कर्मी निकाय व गृह मंत्री अनिल विज को भी मिलने के चक्कर में है। ताकि यह जानकारी दे सकें कि हर नगर निगमों, पालिकाओं में कार्यरत्त सी पी ओ, ई ओ या सचिव जो इनके नोडल ऑफिसर है कि लापरवाही से उन्हें वेतन नहीं मिला है।
सुडा में कोरोना काल में सैलरी काटे जाने के मुद्दे पर एक महिला कर्मी ने ट्वीट कर पहले भी नाराजगी जताई थी। देश के प्रधानमंत्री नरेंद मोदी द्वारा कोरोना काल में देश भर के संस्थानों से अपील कई बार की गई है कि वह अपने कर्मचारियों का वेतन न काटें मगर हरियाणा में सुडा जिसका कॉन्ट्रैक्टर एक्सीम वेनचर्स द्वारा पी एम के आदेशों को ताक पर रख सैलरी काटी गई। ये कर्मचारी लॉकडाउन के दौरान भी लगातार ड्यूटी देते रहे। नाइट शेल्टर प्रोजेक्ट को यही लोग देख रहे थे, जिसमें तब शरणार्थियों को कई कई दिनों तक रोका गया। सब प्रबंधन रोटी पानी रहने का इन कर्मचारियों ने ही सिरे चढ़ाया, जिस पर सरकार भी पीठ थपथपाने पर लगी है।