Edited By Isha, Updated: 10 Aug, 2019 11:15 AM
शहर में सड़कों पर बेसहारा गाय, बैल व घोड़ों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है लेकिन इन पशुओं को पकडऩे के लिए प्रशासन के इंतजाम अब तक नाकाफी नजर आ रहे हैं। दिन में तो ये पशु इधर-उधर
कैथल (सुखविंद्र): शहर में सड़कों पर बेसहारा गाय, बैल व घोड़ों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है लेकिन इन पशुओं को पकडऩे के लिए प्रशासन के इंतजाम अब तक नाकाफी नजर आ रहे हैं। दिन में तो ये पशु इधर-उधर भटकते रहते हैं लेकिन रात्रि को सड़कों पर आ जाते हैं, जिस कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं।
गत 3 अगस्त को मृत गायों को दफनाने के लिए प्रशासन द्वारा जगह उपलब्ध न करवाए जाने से क्षुब्ध कैथल की गौशाला संचालकों, सामाजिक संगठनों, गौसेवकों व गौभक्तों द्वारा कैथल के पिहोवा चौक पर 6 घंटे जाम लगाया था और सुनवाई नहीं होने पर एक गौशाला संचालकों द्वारा गऊशाला का गेट खोल दिया था। गऊशाला से सैंकड़ों गाय सड़कों पर आ गई थीं लेकिन बाद में उन्हें पकडऩे के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए और आए दिन शहर में हादसे हो रहे हैं। हालांकि बाद में उस दिन सायं करीब 4 बजे उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी ने आश्वासन दिया था कि मृत गायों को हड्डारोड़ी में डालने का काम कैथल नगर परिषद स्वयं करेगी और मृत गायों को डालने के लिए 4 अगस्त से कैथल नगर परिषद को गऊशालाओं व शहर से मृत पशुओं को उठाकर दफनाने के आदेश दिए थे।
इस काम के लिए नगर परिषद के सैनेटरी ऑफिस मोहन भारद्वाज को नोडल अधिकारी लगायागया था। मोहन भारद्वाज ने बताया कि हम मृत पशुओं को उठाकर शहर के निकट स्थित कैथल नगर परिषद की ही करीब 2.5 एकड़ जमीन में दफना रहे हैं। प्रतिदिन 20 से 30 गाय दम तोड़ रही हैं। वहीं, सड़कों पर घूम रही बेसहारा गायों-बैल की संख्या पर उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी ने गऊशाला संचालकों से अपील की कि वे इन गायों को पकड़कर गऊशाला में रखें। इसके अलावा बेसहारा पशुओं को पकडऩे के लिए एजैंसी को भी ठेका दिया गया है। कुछ दिनों बाद सड़कों से बेसहारा पशु नजर नहीं आएंगे।