तीन हत्याओं के दोषी को फांसी की सजा, झूठी शान के लिए बहन के पति और सास-ससुर को उतारा था मौत के घाट

Edited By Ajay Kumar Sharma, Updated: 03 Mar, 2023 09:17 PM

death sentence for three murders sister s husband

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश आरपी गोयल की अदालत ने झूठी शान के लिए प्रेम विवाह करने वाली बहन के पति, सास व ससुर की हत्या करने वाले दोषी को फांसी की सजा सुनाई है।

सोनीपत(सन्नी मलिक): अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश आरपी गोयल की अदालत ने झूठी शान के लिए प्रेम विवाह करने वाली बहन के पति, सास व ससुर की हत्या करने वाले दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। दोषी ने अपने दोस्त के साथ मिलकर तीन हत्या करने के साथ ही युवती व उसके देवर को भी गोली मारकर घायल कर दिया था। मामले में दोषी के दोस्त को 12 अक्टूबर 2021 को फांसी की सजा सुनाई गई थी। तब दोषी सतेंद्र उर्फ मोनू उद्घोषित अपराधी था।

बता दें कि खरखौदा के वार्ड-9 निवासी सूरज ने 19 नवंबर  2016 को पुलिस को बताया था कि उनके बड़े भाई प्रदीप ने झज्जर के बिरधाना निवासी सुशीला से तीन साल पहले प्रेम विवाह किया था। वह 18 नवंबर, 2016 की रात को परिवार के साथ घर पर सो रहे थे। रात में करीब दस बजे डस्टर गाड़ी में सवार होकर आए दो युवकों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थी। गोली लगने से उनके भाई प्रदीप व मां सुनीता की मौके पर ही मौत हो गई थी। साथ ही वह, उनका पिता सुरेश और गर्भवती भाभी सुशीला गंभीर रूप से घायल हो गए थे। अस्पताल में उपचार के दौरान उनके पिता सुरेश ने भी दम तोड़ दिया था। गोली लगने से घायल होने पर उसकी भाभी ने घटना के अगले दिन रात को पीजीआई, रोहतक में बेटे को जन्म दिया था। वारदात को भाभी सुशीला के भाई सतेंद्र उर्फ मोनू व मोनू के दोस्त झज्जर के गांव हसनपुर निवासी हरीश ने अंजाम दिया था। मामले में सुशीला के भाई सोनू व पिता ओमप्रकाश का भी नाम आया था। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। प्रदीप का परिवार अनुसूचित जाति का होने के चलते मामले में एससी एसटी एक्ट भी लगाया था। सुशीला का परिवार दूसरी जाति के लड़के से शादी करने के कारण उनसे खफा था। मामले में पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर दिया था। इस मामले में जमानत लेकर आरोपी सतेंद्र उर्फ मोनू भूमिगत हो गया था। उसे भगोड़ा घोषित किया गया है। सुनवाई के बाद 2 अक्टूबर, 2021 को एएसजे आरपी गोयल की अदालत ने हरीश को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा दी थी। साथ ही मोनू के पिता ओमप्रकाश व भाई सोनू को बरी कर दिया था। बाद में पुलिस ने सतेंद्र उर्फ मोनू को गिरफ्तार कर लिया था।

शुक्रवार को मामले में फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश आरपी गोयल की अदालत ने सतेंद्र उर्फ मोनू को फांसी की सजा सुनाई है। सतेंद्र को भादंसं की धारा 302 में फांसी की सजा दी है। धारा 307 में आजीवन कारावास व 10 हजार रुपये जुर्माना, 449 में आजीवन कारावास व 10 हजार रुपये जुर्माना, शस्त्र अधिनियम में पांच साल कैद व 5 हजार रुपये जुर्माना, एससी एसटी एक्ट में उम्रकैद व 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

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