Edited By Manisha rana, Updated: 31 Jul, 2025 10:47 AM

हरियाणा सरकार रेत बजरी के बढ़े हुए दामों को कम कर सकती है। दरअसल एक अगस्त को होने वाली कैबिनेट मीटिंग में खनन नियम (2012) में संशोधन करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार रेत बजरी के बढ़े हुए दामों को कम कर सकती है। दरअसल एक अगस्त को होने वाली कैबिनेट मीटिंग में खनन नियम (2012) में संशोधन करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसको लेकर खनन विभाग की ओर से पूरी तैयारी की जा चुकी है। सरकार ने तय किया है कि कैबिनेट मीटिंग में रॉयल्टी रेट में संशोधन किया जाएगा। इसके अलावा इंटर स्टेट ट्रांसपोटेशन फीस में सरकार कटौती करने का फैसला लेगी।
दरअसल एक महीने पहले हुई कैबिनेट की मीटिंग में हरियाणा लघु खनिज रियायत, भंडारण, खनिजों का परिवहन व अवैध खनन रोकथाम नियम 2012 में संशोधन को स्वीकृति दी गई थी। इसके तहत पत्थर और रेत के लिए रॉयल्टी दरों में संशोधन किया गया था।
प्रदेश में अभी ये दरें हैं लागू
एक महीने पहले किए गए नए संशोधन के तहत पत्थर की रॉयल्टी 45 रुपए से बढ़ाकर 100 रुपए और रेत की रॉयल्टी को 40 रुपए से बढ़ाकर 80 रुपए प्रति टन कर दिया था। सरकार के इस फैसले का प्रभाव सबसे ज्यादा आम लोगों पर पड़ा था, उन्हें घर बनाने के लिए करीब दोगुनी राशि खर्च करनी पड़ रही थी। इसको लेकर पार्टी विधायकों ने भी मुख्यमंत्री नायब सैनी से दरों में फिर से संशोधन किए जाने का आग्रह किया था। साथ ही खनन व्यवसाय से जुड़े लोगों ने भी सीएम से मुलाकात कर दरों में संशोधन का अनुरोध किया था।
बाहर से आने वाले वाहनों पर भी लगा दिया था शुल्क
पिछली कैबिनेट मीटिंग में इंटर स्टेट खनिज ट्रांसपोटेशन फीस लिए जाने को भी मंजूरी दे दी गई थी। इससे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान सहित अन्य राज्यों से हरियाणा में आने वाले खनिज वाहनों से 100 रुपए प्रति टन शुल्क लगाया गया था. यदि ई- ट्रांजिट में गंतव्य स्थान हरियाणा के भीतर है तो 100 रुपए निर्धारित किया गया था. यदि ई-ट्रांजिट में गंतव्य स्थान हरियाणा के बाहर कहीं भी है, ते 20 रुपए निर्धारित किया गया था। सरकार अब इसमें में संशोधन करने जा रही है।
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