Edited By Saurabh Pal, Updated: 10 Aug, 2024 09:47 PM
पेरिस ओलंपिक में ओवरवेट के कारण अयोग्य करार दी गई विनेश फोगाट की याचिका पर शनिवार को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में सुनवाई हुई।
हरियाणा डेस्क: पेरिस ओलंपिक में ओवरवेट के कारण अयोग्य करार दी गई विनेश फोगाट की याचिका पर शनिवार को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में सुनवाई हुई। CAS मामले में कल रात 9:30 बजे फैसला सुनाएगा।
बता दें कि इससे पहले ये सुनवाई गुरुवार को होनी थी, लेकिन विनेश के साथ मौजूद दल ने भारतीय वकील को पेश करने के लिए समय की मांग की। इसके बाद CAS ने वक्त दे दिया था। इस केस की पैरवी वरिष्ठ एडवोकेट हरीश साल्वे करेंगे।
विनेश ने गुरुवार रात ही CAS में अपील दायर करके मांग की थी कि 50KG वेट कैटेगरी में उन्हें संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाए। इसके बाद उनकी ये अपील स्वीकार कर ली गई थी। ओलंपिक से डिसक्वालीफाई होने पर विनेश फोगाट संन्यास ले चुकीं हैं। बीते उन्होंने सोशल मीडिया (X) पर इसका ऐलान किया था।
क्या है CAS
CAS दुनिया भर में खेलों की सेवा करने वाली एक स्वतंत्र संस्था है। इसका काम खेल से जुड़े सभी कानूनी विवादों का निपटारा करना है। CAS यानि इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट एक स्वतंत्र संस्था है। ये खेल जगत में हुए किसी भी विवाद के निपटारे के लिए काम करती है। खिलाड़ी, कोच किसी भी तरह की फैसले पर आपत्ति या और भी किसी तरह के विवाद होने पर इस कोर्ट में ही अपील कर सकते है। वहीं CAS में 87 देशों के लगभग 300 Arbitrators हैं, जिन्हें खेल कानून के विशेषज्ञ ज्ञान के लिए चुना गया है। बता दें कि CAS में हर साल लगभग 300 मामले दर्ज किए जाते हैं।
ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर
विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में मंगलवार को 3 मैच खेले। प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक की चैंपियन यूई सुसाकी को हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को पटखनी दी। विनेश फाइनल में पहुंचने वालीं पहली ही भारतीय महिला रेसलर बनीं थीं। सेमीफाइनल तक तीन मैच खेलने के बाद उन्हें प्रोटीन और एनर्जी के लिए खाना खिलाया गया, जिससे उनका वजन 52.700 किग्रा तक बढ़ गया।
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