Edited By Shivam, Updated: 01 Nov, 2021 10:59 PM

इस बार राज्य के बाल भवन बच्चों द्वारा तैयार दियों से जगमग होंगे, जिन्हें बाल भवन में आने वाले बच्चों द्वारा अपने स्तर पर तैयार किया गया है। खास बात यह है कि ये दिये पूरी तरह से गोबर निर्मित हैं और जलने के बाद राख में तब्दील हो जाएंगे। बच्चों की इस...
चंडीगढ़ (धरणी): इस बार राज्य के बाल भवन बच्चों द्वारा तैयार दियों से जगमग होंगे, जिन्हें बाल भवन में आने वाले बच्चों द्वारा अपने स्तर पर तैयार किया गया है। खास बात यह है कि ये दिये पूरी तरह से गोबर निर्मित हैं और जलने के बाद राख में तब्दील हो जाएंगे। बच्चों की इस कला को देखते हुए हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के मानद महासचिव प्रवीण अत्री द्वारा बच्चों को न केवल प्रोत्साहित किया बल्कि उन्हें अगली दिवाली पर अधिक से अधिक संख्या में दिये बनाने के लिए प्रेरित भी किया। जिसका तमाम खर्च परिषद अपने कंधों पर वहन करेगी। यह जानकारी परिषद के मानद महासचिव प्रवीण अत्री ने पत्रकारवार्ता के दौरान दी।
उन्होंने कहा कि स्वर्ण जयंती वर्ष में बाल कल्याण की गतिविधियों, कार्यक्रमों को बढ़ावा देना मुख्य प्राथमिकता रहेगी। लंबे समय से कोरोना महामारी ने सभी को घेर रखा था। जिस कारण बाल कल्याण से जुड़ी गतिविधियों को ऑनलाइन आयोजित करवाया जा रहा था। मगर अब लंबे अंतराल के बाद बाल महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन ऑफलाइन करवाया जाएगा। प्रदेशभर में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रमों में एक लाख से अधिक प्रतिभागियों ने 19 प्रतियोगिताओं में भाग लिया।
जिनमें विजेता प्रतिभागियों ने मंडल स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया। अब परिषद जल्द 8 नवंबर से 11 नवंबर तक राज्य स्तरीय बाल महोत्सव का आयोजन करने जा रही है। जिसके माध्यम से बच्चों के सपनों को उड़ान मिलेगी और उनके हुनर को नई पहचान मिल सकेगी। दिवाली के अवसर पर प्रदेशभर के बच्चों के माध्यम से लोकल फॉर वोकल और स्वदेशी का संदेश दिया जा रहा है। परिषद अब तक 55 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से नशा मुक्त करवा चुकी है। प्रदेश को भीख और नशा मुक्त बनाने को लेकर काम चल रहा है। कई योजनाओं को लेकर रोडमैप तैयार किया गया है। जल्द ही इसे जमीनी स्तर पर अमलीजामा पहनाया जाएगा।
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