सुरजेवाला ने बीजेपी पर साधा निशाना, कहा- शांतिपूर्ण हरियाणा को बनाया अपराध का केंद्र

Edited By vinod kumar, Updated: 11 Jan, 2020 02:06 PM

surjewala said the poor government made haryana the center of crime

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रदेश में बढ़ते अपराध को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की निकम्मी सरकार ने अपनी विफलता से हरियाणा जैसे शांतिपूर्ण राज्य को अपराध का केंद्र बना दिया है।...

चंडीगढ़(धरणी): अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रदेश में बढ़ते अपराध को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा की निकम्मी सरकार ने अपनी विफलता से हरियाणा जैसे शांतिपूर्ण राज्य को अपराध का केंद्र बना दिया है। भाजपा शासन के दौरान जघन्य अपराधों में अभूतपूर्व बढ़ोतरी को वर्ष 2018 के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के नवीनतम आंकड़ों ने आधिकारिक तौर पर घोषित कर दिया है।

आंकड़ों को बताते हुए सुरजेवाला ने कहा है कि वर्ष 2018 में हरियाणा में केवल एक वर्ष में अपराधों के 1,08,212 मामले दर्ज किए गए, जो 381 मामले प्रति एक लाख जनसंख्या पर पूरे देश में तीसरी सबसे बड़ी आपराधिक दर है। हरियाणा में लगातार पांचवें वर्ष आपराधिक घटनाओं में वृद्धि हुई है। इससे पहले हरियाणा में वर्ष 2014, 2015, 2016 और 2017 में अपराधों के क्रमश 79947, 84466, 88527 और 97924 मामले दर्ज हुए, जो कि राज्य में कानून व्यवस्था की भयावह स्थिति तथा लगातार बिगड़ रही कानून व्यवस्था की दुखद कहानी बताते हैं।

उन्होंने ने कहा कि हरियाणा में वर्ष 2018 में हत्या के 1,140 मामले, बलात्कार के 1,296 मामले, 155 सामूहिक बलात्कार के मामले, अपहरण और अपहरण के 5,070 मामले हुए। इसका मतलब है कि हर दिन, लगभग तीन हत्याएं, चार बलात्कार, 14 अपहरण हुए। इस प्रकार सभी राज्यों और के्रंद्र शासित प्रदेशों में हरियाणा में तीसरी उच्चतम हत्या की दर दर्ज की गई।

सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में महिलाएं, बच्चे और अनुसूचित जातियां विशेष रूप से अपराधियों और हुड़दंगियों के शिकार हुए, क्योंकि खट्टर सरकार हरियाणा में या तो मूक दर्शक बनी रही या उसने इसे बढ़ावा दिया। 2018 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या में 26  प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और उनके खिलाफ 14,326 अपराध हुए, जो देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में तीसरी सबसे बड़ी दर भी है। 

वर्ष 2016  और 2017  में महिलाओं के खिलाफ 9,839 और 11,370 मामले दर्ज किए गए थे। इसी तरह, अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराधों में भी 26 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई है और 2018 में 961 मामले दर्ज किए गए। हरियाणा में यौन उत्पीडऩ के मामलों में भी उच्चतम अपराध दर दर्ज हुई। पॉस्को अपराधों में 69 प्रतिशत वृद्धि के साथ बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों में सबसे बड़ी वृद्धि दर्ज की गई। खट्टर के शासन में हरियाणा बच्चों के अपहरण के 887 अपराध दर्ज होने के साथ इस मामले में देश का नंबर एक राज्य बन गया।

नशे को लेकर उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा चिंताजनक है यह है कि राज्य के युवाओं को ड्रग्स रैकेट में धकेला जा रहा है। वर्ष 2018 में 86 ड्रग से संबंधित मौतें हुई और 2,587 एनडीपीएस के मामले सामने आए, जो उत्तर भारत में सबसे ज्यादा है और हरियाणा ने इस मामले में पाकिस्तान से सटे पंजाब प्रदेश को भी पीछे छोड़ दिया है। यह सब भाजपा सरकार की ड्रग्स को बढ़ावा देने में संलिप्तता और निकम्मेपन को दर्शाता है। 

उन्होंने ने कहा  कि राज्य के लोग अपने जीवन और संपत्ति के बारे में पूरी तरह असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, क्योंकि हरियाणा ने वर्ष 2018 में 18576 चोरी, 18196 वाहन चोरी, 323 जबरन वसूली, 502 लूट और 194 डकैती के मामले दर्ज किए गए। प्रदेश सरकार कि गलत नीतियों के चलते प्रदेश की जनता पीड़ित है, लेकिन भाजपा नेतृत्व को उनकी समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है और वे केवल लोगों को जाति, क्षेत्र और धर्म के आधार पर विभाजित करके उनका ध्यान बांटने की कोशिश कर रहे हैं।

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