Edited By Shivam, Updated: 19 Feb, 2020 05:16 PM
कृषि अवशेष (पराली इत्यादि) जलाने वाले किसानों के लिए अब कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने सख्ती दिखाई है। विभाग द्वारा ऐसे किसानों को ब्लैकलिस्ट में शामिल कर उन्हें विभाग की ओर से समय-समय पर मिलने वाले कृषि संबंधी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं देने का...
रादौर (कुलदीप सैनी): कृषि अवशेष (पराली इत्यादि) जलाने वाले किसानों के लिए अब कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने सख्ती दिखाई है। विभाग द्वारा ऐसे किसानों को ब्लैकलिस्ट में शामिल कर उन्हें विभाग की ओर से समय-समय पर मिलने वाले कृषि संबंधी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं देने का आदेश जारी किया गया है। विभाग ने अपने आदेशों में कहा है कि समर मूंग का बीज भी अब उन किसानों को नहीं मिलेगा जो ब्लैक लिस्ट में शामिल होंगे। हालांकि रादौर में इस ब्लैक लिस्ट में कोई किसान शामिल नहीं है।
रादौर कृषि विकास अधिकारी मोजी काम्बोज ने बताया कि प्रदेश के कई जिलों में फसल अवशेष जलाने के कई मामले सामने आने के बाद कृषि विभाग ने ये आदेश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि मुफ्त में दिए जाने वाला समर मूंग का बीज भी उन किसानों को नहीं मिलेगा जिनका नाम फसल अवशेष जलाने वाले की सूची में शामिल है या इस संबंध में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज है।
बता दें कि पराली में अवशेष जलाने वालों को लेकर हर साल सरकार को अदालत में एनजीटी की फटकार पड़ती है और वायु प्रदूषण में भी जबरदस्त इजाफा होता है। यहां तक कि दिल्ली सरकार तो प्रदूषण के लिए हरियाणा राज्य को दोषी ठहराती है। इसी को लेकर अब कृषि विभाग ने ये सख्त आदेश जारी किए है, ताकि इस पर कुछ रोकथाम लग सके।