कोरोना को हराकर लौटे हरविंद्र कल्याण ने कहा- कोरोना से जीतना है तो एहतियात, धैर्य-संयम अनिवार्य

Edited By Shivam, Updated: 17 Sep, 2020 07:27 PM

returning after defeating corona harvindra kalyan said if you want to win

घरौंडा विधानसभा से भाजपा की टिकट पर लगातार दूसरी बार विधायक व हैफेड के पूर्व चेयरमैन तथा वर्तमान में विधानसभा की लोकलेखा समिति (पीएसी) के चेयरमैन हरविंद्र कल्याण का कहना है कि कोरोना से जीतना है तो धैर्य, संयम व मनोबल बहुत जरूरी है। एकांतवास में...

चंडीगढ़ (धरणी): घरौंडा विधानसभा से भाजपा की टिकट पर लगातार दूसरी बार विधायक व हैफेड के पूर्व चेयरमैन तथा वर्तमान में विधानसभा की लोकलेखा समिति (पीएसी) के चेयरमैन हरविंद्र कल्याण का कहना है कि कोरोना से जीतना है तो धैर्य, संयम व मनोबल बहुत जरूरी है। एकांतवास में व्यक्ति को अध्ययन, आत्ममंथन व चिंतन का समय मिलता है जो रोज की आपाधापी की जिंदगी में संभव नहीं है। घरौंडा से विधायक हरविंद्र कल्याण और उनकी धर्मपत्नी रेशमा कल्याण पिछले दिनों कोरोना पॉजटिव पाए गए थे, वर्तमान में अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद स्वास्थ्य लाभ के लिए आइसोलेशन में रह रहे हैं।

पेश है  विधायक हरविंद्र कल्याण से हुई विशेष बातचीत के मुख्य अंश-

प्रश्न- कोरोना होने के बाद आपके क्या अनुभव रहे?

उत्तर- मेरा निजी अनुभव है कि इस बीमारी से भयभीत होने की जरूरत नहीं है। कोरोना का पता लगते ही डॉक्टरों से संपर्क किया और अपनी पहले की मेडिकल केस हिस्ट्री के मद्देनजर डॉक्टरों की स्वास्थ्य संबंधी सलाह के साथ साथ धैर्य, संयम बरतना। इलाज के दौरान एकांतवास में व्यक्ति को अध्ययन, आत्ममंथन व चिंतन का समय मिलता है जो सामान्य जीवन में संभव नहीं है। एकांत में विचलित होकर मनोबल नहीं गिराना चाहिए। कोरोना में खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए, कोरोना बढ़ रहा है इसलिए मेरी विनम्र अपील है कि सभी को जरूरी नियमों का पालन करते हुए अत्यंत जागरूक रहने की जरूरत है। हम सभी को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस मूल विषय पर गौर कर ध्यान देना चाहिए जिसमे उन्होंने कहा कि जब तक कोरोना की दवाई नहीं, तब तक कोई ढिलाई नहीं।

प्रश्न- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल को विपक्ष यू-टर्न मुख्यमंत्री मानता है?
उत्तर-
बिल्कुल निराधार व गलत। असलियत  यह है कि मनोहरलाल दूरदर्शी, तटस्थ, ईमानदार, संकल्पित इरादों वाले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने व्यवस्था सुधार के लिए राजनीतिक फायदे नुकसान से बहुत ऊपर उठकर ऐसे कड़े फैसले लिए हैं जो आज तक के राजनीतिक इतिहास में कोई भी मुख्यमंत्री लेने की हिम्मत नहीं जुटा पाया जिसमें पढ़ी लिखी पंचायतों, मेरिट पर नौकरी, किसानों को आर्थिक आजादी की तरफ बढ़ाने के प्रयास, ऑनलाइन ट्रांसफर्स, मेरा पानी मेरी विरासत, मेरी फसल मेरा ब्यौरा जैसे लिए गए बहुत से फैसलों में से कुछ हैं। विपक्ष ने तो हरियाणा के उज्ज्वल भविष्य के लिए इन योजनाओं में टांग अड़ाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी लेकिन हरियाणा की जागरूक जनता ने 2019 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री मनोहरलाल की विकासपरक व दूरदर्शी  नीतियों पर मुहर लगाकर भाजपा को पुन: सत्तासीन किया और विपक्ष को नकारा।

प्रश्न- केंद्र सरकार तीन अध्यादेश लेकर आई है, किसान एमएसपी से जोड़कर इसका विरोध क्यों कर रहे हैं?
उत्तर - वास्तव में विपक्ष किसानों के कंधे पर सवार होकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने का प्रयास कर रहा है जबकि इस असलियत से विपक्षी नेता भी वाकिफ हैं कि तीनों अध्यादेश किसानों के हित में हैं, जिसमें एमएसपी पर बिक्री की मौजूदा व्यवस्था को बरकरार रखते हुए किसानों को अपनी फसल अपने तय किए हुए दाम पर बेचने की स्वतंत्रता प्रदान करता है। यही कारण है कि सरकार द्वारा सुझाव मांगने का आग्रह करने के बाद भी विपक्ष की ओर से कोई सकारात्मक भूमिका अदा नहीं की गई। केवल किसानों को भ्रमित कर अपना उल्लू सीधा किया जा रहा है। हरियाणा पूरे देश में ऐसा अग्रणी प्रदेश है जिसमे गेहूं व चावल के अलावा बाजरा, मक्का, सूरजमुखी, चना, दालें इत्यादि फसलों की शत-प्रतिशत खरीद एमएसपी पर की जा रही है, जो भविष्य में नए अध्यादेशों के लागू होने के बाद भी बदस्तूर जारी रहेगी।

प्रश्न- आप इतने विश्वास से ये बात कैसे कह सकते हैं?
उत्तर-
ये विश्वास इसलिए है क्योंकि भाजपा सरकार सभी वर्गों के हित में दूरदर्शिता के साथ फैसला लेकर जो कदम आगे बढ़ाती है उस पर राजनीतिक फायदे नुकसान से ऊपर उठकर स्टैंड लिया जाता है जो आखिर में लोगों के हित में साबित होता है।

प्रश्न- मेरा पानी मेरी विरासत अभियान को आप कितना सफल मानते हैं?
उत्तर- 
ये अभियान वास्तव में आने वाली पीढिय़ों की खुशहाली को सुनिश्चत करने वाला अभियान है जिसकी एक सफल शुरूआत हुई है। मुख्यमंत्री मनोहरलाल की संवेदी अपील से समाज के अंदर एक गंभीर मंथन शुरू हुआ है तथा जल बचाने के उद्देश्य से अभी तक हरियाणा में 1,18,000 हेक्टेयर भूमि में किसानों ने धान को बदलकर दूसरी फसलों का उत्पादन किया है जबकि इस वर्ष का  टॉरगेट केवल 60,000 हेक्टेयर का था जिससे कि भविष्य की होने वाली सफलता का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

प्रश्न- इस बात में कितनी सच्चाई है कि मंडी बोर्ड को सरकार खत्म करने जा रही है?
उत्तर-
इमें कोई सच्चाई नहीं है, असल में जब भी व्यवस्थाओं में परिवर्तन होते हैं तो कुछ तरह की भ्रातियां पैदा होती हैं, मंडी बोर्ड इसी तरह से कार्य करेगा और सरकार ने ये स्पष्ट भी किया है कि अगर नई व्यवस्था में कुछ फंड्स की जरूरत होगी तो वो उपलब्ध कराए जाएंगे।

प्रश्न- लोक लेखा समिति के आप अध्यक्ष हैं, इस कमेटी के क्या कार्य हैं?
उत्तर-
लोक लेखा समिति विधानसभा की बहुत महत्वपूर्ण समिति है। इसका मुख्य कार्य यह सुनिश्चत करना है कि विधानमंडल के अभिप्राय अनुसार कार्यपालिका की ओर से सरकारी राशि कैसे खर्च की जाए, सरकारी खर्च में उचित मितव्ययता के प्रयोग में लाने को सुनिश्चित किया जाए और वित्तीय मामलों में सार्वजनिक नैतिकता का ऊंचा स्तर बनाए रखने के लिए किस तरह के सकारात्मक प्रयास किए जाएं। यह उद्देश्य महालेखाकार के माध्यम से भारत के नियंत्रक, लेखा परीक्षा, परीक्षण व लेखा परीक्षा रिपोर्टों से पूरा किया जाता है।

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