हरियाणा का बाजरा बढ़ाएगा मशहूर कंपनियों के बिस्किट का स्वाद, किसानों को होगा फायदा

Edited By vinod kumar, Updated: 03 Apr, 2021 09:09 PM

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हरियाणा में पैदा होने वाला बाजरा अब मशहूर कंपनियों के बिस्किट का स्वाद बढ़ाएगा। इसको लेकर राज्य सरकार ने विभिन्न बिस्किट कंपनियों व बेकरी उत्पादकों से संपर्क साधा हैं। यह बात हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने भिवानी में कही।

भिवानी (अशोक): हरियाणा में पैदा होने वाला बाजरा अब मशहूर कंपनियों के बिस्किट का स्वाद बढ़ाएगा। इसको लेकर राज्य सरकार ने विभिन्न बिस्किट कंपनियों व बेकरी उत्पादकों से संपर्क साधा हैं। यह बात हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने भिवानी में कही। 

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उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले सीजन में सात लाख 70 हजार मीट्रिक टन बाजरे की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य 2150 रूपये पर की है। इसके रख-रखाव पर भी 2400 रूपये प्रति क्विंटल का खर्च आया हैं। जबकि बाजार भाव 1100 से 1200 रूपये प्रति क्विंटल ही है। ऐसे में राज्य सरकार ने लगभग एक हजार करोड़ का घाटा उठाते हुए किसानों के उत्पाद को खरीदा हैं। इसी घाटे को कम करने के लिए राज्य सरकार ने बाजरे की ज्यादा खपत को लेकर नीति बनाई हैं।

कृषि मंत्री ने कहा कि पारले बिस्किट जैसी कंपनियों मुर्गी व पशु चारा उत्पादन करने वाली कंपनियों से अब राज्य सरकार अपने अधिकारियों के माध्यम से बात कर रही हैं तथा इन उत्पादों में बाजरे के प्रयोग को लेकर कार्य किया जा रहा है, ताकि बाजरे की खपत बढ़े तथा किसानों व राज्य सरकार को फायदा हो सके। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से बाजरे का प्रयोग खाद्य उत्पादों में स्वाद बढ़ाने के लिए किए जाने की दिशा में नीति बनाई गई हैं। विभिन्न बिस्किट उत्पादक कंपनियों, बेकरी, मिठाई उत्पादकों, मुर्गी पालकों व पशु पालकों से संपर्क कर बाजरे की खपत इन उत्पादों में प्रयोग करने बारे कार्य किया जा रहा हैं। 

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उन्होंने कहा कि आज राज्य में गेहूं व धान उत्पादन जरूरत से ज्यादा हैं। धान जैसी अधिक पानी प्रयोग होने वाली फसल बोने की परंपरागत विधि को बदलने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूहों व सरकार का उपकरण हैफेड के द्वारा बाजरे से विभिन्न प्रकार के बिस्किट व मिठाइयां बनाकर उन्हें हरियाणा के ब्रांड के रूप में विकसित किया जाएगा। इन्हें हैफेड के बिक्री केंद्रों के माध्यम से बेचा जाएगा। 

केंद्र सरकार ने पॉम ऑयल पर टैक्स बढ़ाया हैं, इसका प्रभाव सरसों की फसल के अधिक भाव देखने के रूप में साफ तौर पर मिल रहा है। सरसों का समर्थन मूल्य 4650 रूपये है, जबकि बाजार में सरसों 5100 से 6 हजार रूपये प्रति क्विंटल बिक रही हैं। इससे किसानों को सीधा लाभ पहुंच रहा हैं।
 

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