Edited By Yakeen Kumar, Updated: 10 Jun, 2025 05:26 PM

कुरूक्षेत्र-पिहोवा स्टेट हाइवे-6 पर मंगलवार को कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया। लोगों ने बीच सड़क पर ईंटों से दीवार बनानी शुरु कर दी। सूचना मिलने पर नायब तहसीलार और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाया
कुरूक्षेत्र (रणदीप रोड़) : कुरूक्षेत्र-पिहोवा स्टेट हाइवे-6 पर मंगलवार को कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया। लोगों ने बीच सड़क पर ईंटों से दीवार बनानी शुरु कर दी। सूचना मिलने पर नायब तहसीलार और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाया लेकिन वो नहीं मानें। बाद में प्रशासन ने दीवार बना रहे लोगों को हिरासत में लेकर रास्ता खुलवाया।
हाइवे के बीचों-बीच निर्माण कार्य करवाने वाले प्रितपाल सिंह ने बताया कि उनकी 22 मरले जमीन पर बिना मुआवज़ा दिए पीडब्ल्यूडी ने सड़क बना दी थी। इसके लिए 2006 में उन्होंने सिविल कोर्ट में केस दायर किया। 2018 में कोर्ट ने उनके हक़ में फैसला दिया, लेकिन पीडब्ल्यूडी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। 2023 में हाईकोर्ट ने भी प्रितपाल के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बावजूद प्रशासन ने कब्जा नहीं दिलाया। जिससे परेशान होकर निर्माण कार्य शुरु कर दिया।
5 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया था- XEN
PWD एक्सईएन ऋषि सचदेवा ने कहा कि ये मामला काफी पुराना है। जब ये जमीन अधिग्रहित हुई थी तो कुछ हिस्सा छूट गया होगा या इन्हें मुआवजा न मिला हो। इन्होने कोर्ट में केस किया था, जिसके बाद इन्हें साढ़े 5 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया था। लेकिन ये उससे संतुष्ठ नहीं थे, इसलिए इन्होंने आगे अपील की। कोर्ट ने मुआवजा बढ़ाकर देने का आदेश दिया। उस फैसले के खिलाफ विभाग ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। यह केस करीब 7-8 साल चला और 2024 में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि लोअर कोर्ट ने जो मुआवजा तय किया है, वही इन्हें दिया जाए।
कानून के तहत उचित मुआवजा दिलाया जाएगा- XEN
XEN ने कहा कि इसके खिलाफ हमने सेशन कोर्ट में अपील की, लेकिन सेशन कोर्ट ने विभाग की अपील खारिज कर दी। इसके बाद ये लोग मुझसे मिले। मैंने उन्हें यही कहा कि कानून और कोर्ट के आदेश के अनुसार जो भी उनका उचित मुआवजा बनता है, वो दिलवा दिया जाएगा। लेकिन आज अचानक मुझे सूचना मिली कि इन्होंने रास्ता बंद कर दिया है। उस पर मैंने इनसे बात की और निवेदन किया कि ये स्टेट हाईवे है, इसे बंद न करें। इन्हें पहले मुआवजा मिल चुका है, विवाद केवल रकम को लेकर है। जो भी बैलेंस मुआवजा कानून और कोर्ट के अनुसार बनता है, वो विभाग के माध्यम से सरकार को भेजकर इन्हें दिलवा दिया जाएगा। इसके बाद इन्होंने रास्ता खोल दिया।
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