नगर निगम ने एस्कॉर्ट्स कंपनी का कॉरपोरेट ऑफिस किया सील

Edited By vinod kumar, Updated: 17 Jan, 2020 12:28 PM

municipal corporation seals corporate office of escorts company

संपत्ति कर का भुगतान नहीं करने पर नगर निगम ने एस्कॉर्ट्स कंपनी के राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित कॉरपोरेट ऑफिस को सील कर दिया। नगर निगम ने यह कार्रवाई वीरवार सुबह की। निगम की इस कार्रवाई से कंपनी प्रबंधन के हाथपांव फूल गए। उन्होंने आनन फानन में निगम के...

फरीदाबाद(दीपक पांडेय/अनिल राठी): संपत्ति कर का भुगतान नहीं करने पर नगर निगम ने एस्कॉर्ट्स कंपनी के राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित कॉरपोरेट ऑफिस को सील कर दिया। नगर निगम ने यह कार्रवाई वीरवार सुबह की। निगम की इस कार्रवाई से कंपनी प्रबंधन के हाथपांव फूल गए। उन्होंने आनन फानन में निगम के आला अधिकारियों से संपर्क कर एक-दो दिन में भुगतान का आश्वासन दिया, जिसके बाद निगम ने सील खोल दी। राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित एस्कॉर्ट्स कंपनी का कॉरपोरेट कार्यालय पर संपत्ति कर के रूप में करीब 4.44 करोड़ रुपए पिछले काफी समय से बकाया हैं।

नगर निगम आयुक्त यश गर्ग ने बताया कि इसके भुगतान के लिए निगम ने कंपनी को कई बार नोटिस दिया और सुनवाई के लिए भी बुलाया था। इसके बावजूद भी बकाया संपत्ति कर का भुगतान नहीं करने पर नगर निगम ओल्ड जोन के कराधान विभाग के अधिकारियों ने कार्यालय को सील कर दिया। किंपनी अधिकारियों ने नगर निगम अधिकारियों से इस संबंध में बातचीत की। निगमायुक्त के अनुसार कंपनी प्रबंधन ने निगम अधिकारियों को बताया कि संपत्ति कर को लेकर कुछ विवाद है, जिस कारण भुगतान नहीं हो रहा है।

कंपनी प्रबंधन ने निगम अधिकारियों को आश्वस्त किया कि कानून जोकि भी संपत्ति कर बनता है, उसे वे एक-दो दिन में जमा करवा देंगे। नगर निगम ने शहर के बकायादारों से संपत्ति कर की 240 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि वसूल करनी है। सीलिंग की कार्रवाई भी चल रही है। इसी कड़ी में टीम ने एनआइटी पांच नंबर और तीन नंबर में चार दुकानें सील कर दीं। दो दुकानदारों ने बकाया राशि जमा करवा दीं। इसके बाद इन दुकानों को खोल दिया गया। पांच नंबर सी ब्लाक के एक दुकानदार पर संपत्ति कर का 59 लाख रुपए, तो एसजीएम नगर में एक दुकानदार पर 74 हजार रुपए बकाया राशि थे। ये दोनों दुकानें सील की गईं।

निगम की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए प्रदेश सरकार ने फंड देने से इंकार कर दिया था। सरकार का कहना था कि निगम को अपनी आय और स्थिति सुधारने के लिए खुद ही ठोस कदम उठाने होंगे। इसके बाद शहरी स्थानीय निकाय के अधिकारियों ने निगम को बड़े बकायदारों पर शिंकजा कसने का आदेश दिया था। निगम के अधिकारियों ने आयुक्त के साथ बैठक कर बड़े बकायदारों के खिलाफ करवाई करने की रणनीति बनाई। 

यश गर्ग, निगमायुक्त ने कहा कि हमने सभी कर अधिकारियों को हिदायत दी है कि राजस्व बढ़ाने को प्राथमिकता से दें। सभी  बकायादारों को नोटिस भेजे गए हैं। नोटिस भेजने पर भी जो बकायादार बकाया राशि जमा नहीं करा रहे हैं, उनको संपत्ति को सील किया जा रहा है। नगर निगम की आर्थिक स्थिति ठीक होगी।
             

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