दीपावली बाद विधायकों को मिलेगा मंत्री पद का तोहफा

Edited By Isha, Updated: 27 Oct, 2019 10:37 AM

mlas will get ministerial gift after diwali

खट्टर कैबिनेट में मंत्री बनने वाले विधायकों को अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा। रविवार को शपथ ग्रहण समारोह में मंत्रियों को जगह नहीं मिल पाएगी। सिर्फ मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप-मुख्यमंत्री के तौर पर दुष्यंत चौटाला ही

चंडीगढ़ (बंसल/ पांडेय): खट्टर कैबिनेट में मंत्री बनने वाले विधायकों को अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा। रविवार को शपथ ग्रहण समारोह में मंत्रियों को जगह नहीं मिल पाएगी। सिर्फ मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप-मुख्यमंत्री के तौर पर दुष्यंत चौटाला ही शपथ ग्रहण करेंगे। हालांकि भाजपा में मंत्री बनने को लेकर विधायकों ने लॉङ्क्षबग शुरू कर दी है लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार दीपावली के बाद होगा। सूत्रों की मानें तो दीपावली के बाद ही हाईकमान की ओर से मंत्रियों के नामों की सूची फाइनल की जाएगी। 

भाजपा विधायकों में मंत्री पद को लेकर लॉङ्क्षबग शुरू
चंडीगढ़ यू.टी. रैस्ट हाऊस में भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद भाजपा विधायकों में मंत्री पद को लेकर खास लालसा दिखाई दी। हर विधायक अपने स्तर पर लॉङ्क्षबग करता दिखाई दिया। हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंत्री पद को लेकर किसी विधायक को कोई आश्वासन नहीं दिया है लेकिन अपने स्तर पर विधायकों ने भागदौड़ शुरू कर दी है। फिलहाल दीपावली के बाद मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अब कवायद तेज हो जाएगी।

ज्ञानचंद गुप्ता बन सकते हैं विधानसभा स्पीकर
भाजपा सूत्रों की मानें तो पंचकूला के विधायक ज्ञानचंद गुप्ता को विधानसभा स्पीकर बनाया जा सकता है। वह इससे पहले विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक के पद पर थे। वहीं, मंत्रियों की संभावित सूची में अनिल विज, कंवर पाल गुर्जर, बनवारी लाल, अभय सिंह यादव, मूलचंद शर्मा, कमल गुप्ता, सुभाष सुधा या सीमा त्रिखा, महीपाल ढांडा या कमलेश ढांडा और निर्दलीय में से एक विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है। जजपा के कोटे में ईश्वर सिंह और रामकुमार गौतम मंत्री बनाए जा सकते हैं।

विज को रास नहीं आ रहा है जजपा से गठबंधन
जजपा से गठबंधन कर भाजपा भले ही सरकार बनाने जा रही हो लेकिन वरिष्ठ मंत्री अनिल विज को यह रास नहीं आ रहा है। शायद यही वजह है कि पत्रकारों से बातचीत में विज ने माना कि चौटाला परिवार पर जो आरोप थे वह खत्म नहीं हुए हैं लेकिन राजनीति में परिस्थितियों के हिसाब से फैसले लेने पड़ते हैं। विज ने कहा कि समय के अनुसार राजनीति में बदलाव होता रहता है और इसी कड़ी में ही नया गठबंधन सामने आया है। दरअसल विज की नाराजगी की असली वजह कैबिनेट में उनकी हैसियत कम होना भी हो सकता है, क्योंकि मुख्यमंत्री के बाद डिप्टी सी.एम. नंबर दो पर होगा। खट्टर की पहली सरकार में भी विज का नंबर रामबिलास शर्मा के बाद होना चाहिए था लेकिन ऐन वक्त पर कैप्टन अभिमन्यु और धनखड़ को विज से वरिष्ठ बना दिया गया था।

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