Edited By Naveen Dalal, Updated: 24 Jun, 2019 09:26 AM
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के कर्मचारी जोखिम उठाकर बरसों से मौत के साए में काम करने को मजबूर हैं। शहर में बिजली निगम के 54 शिकायत...
फरीदाबाद (सुधीर राघव): दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के कर्मचारी जोखिम उठाकर बरसों से मौत के साए में काम करने को मजबूर हैं। शहर में बिजली निगम के 54 शिकायत केंद्रों की हालत इतनी बदतर है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इन शिकायत केन्द्रों के कमरें जर्जर हो चुके हैं कि दीवारों से प्लॉस्टर झड़ रहा है और शिकायत केंद्र कमरों के लेंटर तक नीचे लटक गए हैं। कहीं कहीं तो हालात यह हैं कि लेंटर के टूकडे टूट कर गिर रहे हैं। इन कमरों के अंदर बिजली निगम कर्मचारी महत्वपूर्ण सामान लेकर बैठने को मजबूर हैं।
सर्वाधिक नुकसान बारिश के समय में होता है, जर्जर छत से पकने वाले पानी से इलेक्ट्री सामान, नए मीटर लगवाने का अप्लीकेशन फॉर्म, वर्क स्टीमेट फाइल व मीटर आदि गिला हो जाता है। कई बार सामान बचाना भी मुश्किल हो जाता है। इन 54 शिकायत केंद्रों पर कर्मचारियों के बैठने व बारिश से बचने लिए छत की व्यवस्था तक नहीं है। शिकायत केंद्र में बिजली निगम का रिकॉर्ड भी सुरक्षित रखना कर्मचारियों के लिए चुनौती बनी हुई है।
शहर में उपभोक्ताओं को बिजली देने और बिजली सप्लाई संबंधी हर प्रकार की शिकायत का समाधान जेई, लाइनमैन व फोरमेन करते हैं। लेकिन कर्मचारियों को बैठने के लिए कमरों की व्यवस्था नहीं है। यही नहीं फ ील्ड में काम करने के लिए उनके पास संसाधन का भी आभाव है। यह कहना है कि एचएसईबी वर्कर यूनियन ओल्ड फ रीदाबाद यूनिट प्रधान लेखराज चौधरी का। उन्होंने कहा कि बिजली कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर यहां पर कार्य कर रहे हैं। जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। जर्जर कमरों में काम करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि यहां पर काम करना जोखिम मोल लेना हो गया है। अधिकारी भी इस मामले में चुप्पी साधे बैठे हैं।