जे.सी.बी. से कुचले जाने से बच्चे की मौत, परिवार का रो-रोकर बुरा हाल

Edited By Isha, Updated: 02 Sep, 2019 03:40 PM

डेढ़ साल के मासूम की मौत के बाद पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। मंजर देखकर हर किसी का दिल बैठ गया। मौके पर मौजूद लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। वहीं अन्य श्रमिक भी दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ खड़े दिखाई दिए।

पानीपत: डेढ़ साल के मासूम की मौत के बाद पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। मंजर देखकर हर किसी का दिल बैठ गया। मौके पर मौजूद लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। वहीं अन्य श्रमिक भी दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ खड़े दिखाई दिए। रोते हुए मासूम की मां यही दोहरा रही थी कि अगर उसे पता होता कि बेटे से यूं बिछडऩा पड़ेगा तो वह शायद यहां काम करने ही नहीं आती।वहीं, बच्चे के पिता कन्हैया लाल निवासी गांव डेरी पनोठा जिला छतरपुर मध्य प्रदेश ने बताया कि उसके 4 बच्चे हैं जिनमें से डेढ़ साल का मासूम कमलपंथ सबसे छोटा था।

सबसे बड़ी बेटी चमेली 7 साल, फिर अभिषेक 5 साल और उससे छोटा 3 साल का आङ्क्षनद है। वे गत 24 अगस्त को ही काम के सिलसिले में गांव से पानीपत आए थे। यहां पर काम करने वाले 10 परिवारों में से लगभग सभी उनके गांव से ही हैं। कन्हैया की मां प्रेमबाई ने बताया कि उनका जानकार दयाराम, निर्माणाधीन हाली झील में मजदूरी करता है। उसने ही बताया था कि यहां पर और मिस्त्री-मजदूर की जरूरत है।

बेटा कन्हैया मिस्त्री का काम जानता है। वह, उसका पति भगवान दास, बेटा कन्हैया लाल, पुत्रवधू गणेशबाई 4 बच्चों सहित पानीपत आए थे। उन्हें क्या मालूम था कि इतनी बड़ी अनहोनी हो जाएगी कि उन्हें अपने पोते को खोना पड़ेगा।वहीं, कन्हैया का बार-बार एक ही आरोप है कि जे.सी.बी. चालक श्रवण निवासी गांव केरिया जिला रांची झारखंड ने शराब के नशे में जे.सी.बी. चलाकर उसके बेटे की हत्या की है। उसे बेटा तो वापस नहीं मिल सकता, लेकिन उसे इंसाफ चाहिए, उसके बेटे के कातिल को भी सरकार सख्त से सख्त सजा दे।

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