लाड़ो पंचायत का ऐतिहासिक फरमान: कन्या भ्रूण हत्या को संविधान में मर्डर घोषित किया जाए

Edited By Yakeen Kumar, Updated: 16 May, 2025 09:36 PM

historical decree of laado panchayat murder in constitution

कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए भारत की पहली ऑनलाइन लाड़ो पंचायत का आयोजन सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा के सहयोग से किया गया।

डेस्क टीम : कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए भारत की पहली ऑनलाइन लाड़ो पंचायत का आयोजन सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा के सहयोग से किया गया। इस वर्चुअल पंचायत में हजारों प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, सरपंच, विभिन्न पंचायतों की महिलाएं और लड़कियां, हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल थे।

बदलाव की सामूहिक पुकार

लाड़ो पंचायत की अध्यक्ष ट्विंकल पवार ने पंचायत की अब तक की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे लाड़ो पंचायत ने लड़कियों की विवाह की न्यूनतम उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने की मांग रखी थी, जिसके चलते 2021 में उन्हें राज्यसभा में आमंत्रित किया गया। इसके अलावा, पीरियड लीव, महिला विरोधी गालियों पर रोक, और नूंह व सोहना जिलों में लड़कियों के लिए विश्वविद्यालय स्थापित करने जैसी कई पहलें इस पंचायत ने की हैं।

ऑपरेशन लाड़ो की घोषणा

सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन के संस्थापक एवं सीईओ सुनील जागलान ने कहा कि “कन्या भ्रूण हत्या एक सोची-समझी साजिश के तहत की गई हत्या है।” उन्होंने ‘ऑपरेशन लाड़ो’ की शुरुआत की, जो इस सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए एक बहु-स्तरीय रणनीति है। यह अभियान ‘एहसास का सॉफ्टवेयर’ पहल पर आधारित है, जिसे बिबीपुर मॉडल से प्रेरित किया गया है और यह समाज में भावनात्मक जुड़ाव और व्यवहारिक बदलाव को बढ़ावा देता है।

1). ऑपरेशन लाड़ो के मुख्य बिंदु:

2). एमटीपी किट के दुरुपयोग को रोकना

3). कन्या भ्रूण हत्या की प्रक्रिया और प्रभाव को दर्शाने वाले वीडियो के माध्यम से गर्भवती महिलाओं में जागरूकता फैलाना

4). लाउडस्पीकर के जरिए कानूनी जानकारी का प्रसार

5). कन्या भ्रूण हत्या की सूचना के लिए हरियाणा पुलिस का कंट्रोल रूम नंबर 112 का प्रचार-प्रसार

साहस और बदलाव की कहानियाँ

पंचायत के दौरान कई प्रेरणादायक कहानियाँ सामने आईं। राजनी मलिक, जो पलवल जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइज़र हैं, ने बताया कि पति की मृत्यु और परिवार द्वारा त्याग दिए जाने के बाद उन पर गर्भ में पल रही बेटी को गिराने का दबाव था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और बेटी को जन्म दिया। आज वह विधवा पेंशन जैसे मामलों में अधिक से अधिक महिलाओं की मदद करती हैं।

टीम लाड़ो की सोनिया, निशा, सुरभि, सुप्रिया और अन्य लड़कियों ने बताया कि कैसे उन्होंने हरियाणा के गांवों में एहसास का सॉफ्टवेयर मॉडल को सफलतापूर्वक लागू किया है। उनके प्रमुख अभियानों में पीरियड चार्ट्स, गाली बंद घर, और बेटी के नाम की नेम प्लेट शामिल हैं।

एकमत समर्थन

पंचायत के अंत में सभी महिलाओं और लड़कियों ने ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से हाथ उठाकर एकमत से सुनील जागलान के उस प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसमें कन्या भ्रूण हत्या को समाज में हत्या के रूप में स्वीकार करने और संविधान में भी हत्या घोषित करने की मांग की गई। सभी प्रतिभागियों ने ऑपरेशन लाड़ो को पूरी तरह समर्थन देने का संकल्प लिया और इस मुहिम को गांव-गांव तक पहुंचाने की बात कही।

आगे की राह

अगली ऑनलाइन लाड़ो पंचायत 1 जून 2025 को आयोजित की जाएगी, जिसमें इस प्रस्ताव को भारत सरकार के समक्ष औपचारिक रूप से प्रस्तुत किया जाएगा। लाड़ो पंचायत ने अपील की है कि कन्या भ्रूण हत्या को सिर्फ सामाजिक अपराध नहीं, बल्कि एक संवैधानिक हत्या माना जाए और कानून में इसके लिए सख्त प्रावधान किए जाएं।
सुनील जागलान ने कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए वर्ष 2012 में देश की पहली महाखाप महापंचायत का आयोजन किया था, जिसमें पहली बार महिलाओं ने खाप पंचायत में भाग लिया और कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए बेटी बचाओ अभियान की नींव रखी। इस अभियान के लिए सुनील जागलान को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला और ग्रामीण विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा एक करोड़ रुपये का पुरस्कार भी दिया गया, जिससे महिलाओं के लिए लाइब्रेरी, महिला स्थल, महिलाओं के लिए कंप्यूटर सेंटर और महिला चौपाल का निर्माण करवाया गया।

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