Edited By Isha, Updated: 01 Jul, 2025 10:52 AM

हरियाणा में सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) के प्रति सरकारी विभागों की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। आरटीआई के तहत जानकारी न देने या अधूरी जानकारी देने के मामलों में बीते 19 वर्षों में 33,179
हरियाणा डेस्क: हरियाणा में सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) के प्रति सरकारी विभागों की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। आरटीआई के तहत जानकारी न देने या अधूरी जानकारी देने के मामलों में बीते 19 वर्षों में 33,179 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। साथ ही, 4048 राज्य लोक सूचना अधिकारियों (SPIO) पर अब तक कुल ₹5.91 करोड़ का जुर्माना लगाया जा चुका है। यह आंकड़े 12 अक्टूबर 2005 से 31 मार्च 2025 तक के हैं और इन्हें राज्य सरकार द्वारा एक आरटीआई आवेदन के जवाब में सार्वजनिक किया गया है।
राज्य सूचना आयोग, हरियाणा के अनुसार, इस अवधि में अधिनियम की धारा 19(3) के तहत 1,32,365 अपीलें, और धारा 18(2) के तहत 17,318 शिकायतें दर्ज की गईं। यह दर्शाता है कि विभिन्न विभागों में RTI को लेकर जिम्मेदारी का निर्वहन गंभीरता से नहीं किया गया।आरटीआई कार्यकर्ताओं के अनुसार, यह स्थिति दर्शाती है कि राज्य में सूचना का अधिकार अधिनियम का पालन मात्र औपचारिकता बनकर रह गया है, जहां आमजन को सही और समय पर जानकारी मिलना कठिन होता जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि विभागीय स्तर पर जवाबदेही तय की जाए और नियमित समीक्षा हो, तो ऐसी स्थिति से बचा जा सकता है। फिलहाल इतना तय है कि हरियाणा में RTI के प्रति प्रशासनिक रवैया संवेदनशील और पारदर्शी नहीं कहा जा सकता।