रूस-यूक्रेन युद्ध में हिसार के युवक की मौत, 35 दिन पहले रोते हुए बचाने की लगाई थी गुहार..

Edited By Deepak Kumar, Updated: 09 Oct, 2025 02:42 PM

haryana hisar youth died in ukraine war while fighting for russian army

हरियाणा के हिसार जिले के मदनहेड़ी गांव के रहने वाले 28 वर्षीय सोनू की मौत रूस-यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना की ओर से लड़ते हुए हो गई। परिवार को रूसी सेना की ओर से भेजे गए एक पत्र में उसकी मौत की जानकारी दी गई है। बताया गया है कि सोनू की गोली लगने से...

डेस्कः हरियाणा के हिसार जिले के मदनहेड़ी गांव से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। गांव के रहने वाले 28 वर्षीय सोनू की मौत रूस-यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना की ओर से लड़ते हुए हो गई। परिवार को रूसी सेना की ओर से भेजे गए एक पत्र में उसकी मौत की जानकारी दी गई है। बताया गया है कि सोनू की गोली लगने से मौत हुई है और उसका शव मॉस्को पहुंच चुका है। परिजनों से शव लेने के लिए रूस आने को कहा गया है। हालांकि अभी तक भारत सरकार या हरियाणा सरकार की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

विदेशी भाषा सीखने गया था रूस

मृतक युवक सोनू के भाई अनिल ने बताया कि वह 8 मई 2024 को रूस में विदेशी भाषा का कोर्स करने गया था। उसका वीजा जल्द ही खत्म होने वाला था और वह भारत लौटने की तैयारी में था। लेकिन 3 सितंबर को सोनू ने परिवार को फोन कर बताया कि कुछ लोग उन्हें झूठ बोलकर रूसी सेना में भर्ती करवा रहे हैं। उसने कहा कि उसे जबरदस्ती युद्ध के लिए भेजा जा रहा है और वह इसमें शामिल नहीं होना चाहता।

परिवार के अनुसार, वहां कुछ लोगों ने सोनू को सुरक्षाकर्मी की नौकरी का झांसा देकर रशियन भाषा में एक अनुबंध (कांट्रैक्ट) पर हस्ताक्षर करवा लिए। बाद में पता चला कि वह वास्तव में रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया है। सोनू ने बताया था कि वहां हर दिन कई लोगों की जान जा रही है और उसने मदद की गुहार लगाई थी।

रूसी अधिकारी से मिला टेलीग्राम मैसेज

सोनू के भाई अंकित ने बताया कि 19 सितंबर को उन्हें टेलीग्राम पर एक रूसी अधिकारी का संदेश मिला, जो पूरी तरह रशियन भाषा में था। जब उन्होंने एक विशेषज्ञ से इसका अनुवाद करवाया, तो पता चला कि सोनू 6 सितंबर से लापता था। अब उसकी मौत हो चुकी है और शव मॉस्को में है। सोनू के साथ गांव का ही 24 वर्षीय युवक अमन भी रूस गया था। परिजनों का कहना है कि 22 सितंबर के बाद से अमन से भी कोई संपर्क नहीं हो पाया है। दोनों युवक मई 2024 में विदेशी भाषा सीखने के लिए रूस गए थे।

दूतावासों से नहीं मिल रही सहायता

परिजनों ने बताया कि उन्होंने गृह मंत्रालय के साथ-साथ रूस में भारतीय और रूसी दूतावासों से संपर्क किया है, लेकिन वहां से उन्हें कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। परिवार का दावा है कि दूतावासों ने ऐसी किसी घटना की जानकारी होने से इनकार किया है। सोनू के स्वजन ने रूसी सेना की ओर से मिला पत्र हिसार प्रशासन को सौंप दिया है और पूरे मामले की जांच व बेटे का शव भारत लाने की गुहार लगाई है।
 

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