Edited By Isha, Updated: 30 Nov, 2021 05:02 PM
जिन तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान एक साल से दिल्ली के बार्डरों पर धरना दे रहें थे, आखिरकार सरकार ने उसे वापिस ले लिया। कानूनों के रद्द होने के बाद किसान मांग कर रहें हैं कि उनपर किए गए मुकद्दमों को भी सरकार द्वारा खारिज किया ग
झज्जर(प्रवीण धनखड़): जिन तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान एक साल से दिल्ली और हरियाणा के बार्डरों पर धरना दे रहें थे, आखिरकार सरकार ने उसे वापिस ले लिया है। कानूनों के रद्द होने के बाद किसान मांग कर रहें हैं कि उनपर किए गए मुकद्दमों को भी सरकार द्वारा खारिज किया जाए। इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि किसानों पर दर्ज मामले हरियाणा सरकार जल्दी ही वापिस ले सकती है।
धनखड़ ने कहा कि सरकार ने एक-एक कर किसानों के तमाम मसले हल किए हैं। किसानों का उत्थान करना ही केंद्र और प्रदेश सरकार का लक्ष्य रहा है। उन्होंने कहा कि एमएसपी पर भी सरकार किसानों के पक्ष में है, लेकिन एमएसपी के लिए जरूरी है कि उचित राजस्व व्यवस्था तैयार की जाए। सभी को पूरा समर्थन मूल्य मिले इसके लिए 17 लाख करोड़ रुपए की अर्थव्यवस्था खड़ी करनी पड़ेगी जो 1 दिन में नहीं हो सकती।
धनखड़ ने कहा कि भावांतर भरपाई योजना के तहत भी किसानों को बाजार और समर्थन मूल्य के बीच का भुगतान करने का काम हरियाणा सरकार ने किया है, जो ऐतिहासिक निर्णय रहा है। उन्होंने आंदोलनकारी किसानों से भी घर लौटने की अपील की है।
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