Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 26 Mar, 2025 11:08 PM
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नूंह सुशील कुमार की अदालत ने हरियाणा गोवंश संरक्षण एवं गौ संवर्धन अधिनियम और पुलिस पर जानलेवा हमला करने के दोषी एक गो-तस्कर को कड़ी सजा सुनाई है।
गुड़गांव / फिरोजपुर झिरका (ब्यूरो): अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नूंह सुशील कुमार की अदालत ने हरियाणा गोवंश संरक्षण एवं गौ संवर्धन अधिनियम और पुलिस पर जानलेवा हमला करने के दोषी एक गो-तस्कर को कड़ी सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपी मुजीब को दोषी करार देते हुए पांच वर्ष कारावास और 42 हजार रुपये जुर्माने की सजा दी है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उसे तीन माह अतिरिक्त जेल में बिताने होंगे।
गुरुग्राम की ताजा खबरों के लिए लिंक https://www.facebook.com/KesariGurugram पर टच करें।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि यह मामला वर्ष 2019 का है, जब हरियाणा के फिरोजपुर झिरका क्षेत्र में नूंह पुलिस ने गो-तस्करी की सूचना पर कार्रवाई की थी। पुलिस को खबर मिली थी कि दो आरोपी— मुजीब निवासी पैमा खेड़ा और वसीम उर्फ वस्सी निवासी उटावड़—एक कैंटर गाड़ी में गोवंश की तस्करी कर राजस्थान ले जा रहे हैं। सूचना के आधार पर शाहपुर खेड़ा कटी घाटी मोड़ पर पुलिस टीम ने नाकाबंदी की। जब संदिग्ध वाहन मौके पर पहुंचा, तो पुलिस ने उसे नाकाबंदी कर रोकने की कोशिश की। नाकेबंदी को तोड़ने का प्रयास करते हुए वे वाहन छोड़कर भागने लगे।
इसी दौरान एक आरोपी ने पुलिस पर अवैध हथियार से फायरिंग कर दी। पुलिस ने सूझबूझ से काम लेते हुए खुद को बचाया और एक आरोपी मुजीब को दबोच लिया, जबकि दूसरा आरोपी वसीम उर्फ वस्सी फरार हो गया। पुलिस को मुजीब के पास से अवैध हथियार बरामद हुआ। जब पुलिस ने कैंटर गाड़ी की तलाशी ली, तो आठ गोवंश क्रूरता पूर्वक बंधे हुए मिले। सभी पशुओं को सुरक्षित मुक्त कराया गया और पशु चिकित्सा सहायता दी गई । इस मामले में नूंह पुलिस के सहयोग से सभी जरूरी सबूत जुटाकर मजबूत पैरवी की गई। मामले की सुनवाई लगभग सात साल तक अदालत में चली। कुल 12 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी मुजीब को दोषी करार दिया, जबकि उसका फरार साथी वसीम को भगोड़ा घोषित कर दिया गया।
अदालत ने मुजीब को हरियाणा गोवंश संरक्षण एवं गौसंवर्धन अधिनियम, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, अवैध हथियार रखने और हत्या के प्रयास की धाराओं में दोषी ठहराया। उसे पांच वर्ष की सजा और 42 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया गया। यदि वह जुर्माना अदा नहीं करता है, तो उसे तीन महीने अतिरिक्त जेल में रहना होगा। उन्होंने बताया कि फैसले से स्पष्ट है कि कानून व्यवस्था के खिलाफ अपराध करने वालों के लिए सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही गो-तस्करी एवं पशु क्रूरता के मामलों में अदालत का यह निर्णय एक मिसाल बनेगा। वहीं नूंह पुलिस ने भी इस निर्णय का स्वागत किया है और फरार आरोपी को जल्द से जल्द पकड़ने का आश्वासन दिया है।