गुड़गांव में DTP ने साउथ सिटी में तोड़े 51 गेट

Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 06 Jun, 2025 06:29 PM

dtp demolished illegal gate in south city

टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के डिस्ट्रिक टाउन प्लानर एन्फोर्समेंट (डीटीपीई) की तरफ से शुक्रवार को साउथ सिटी एक लाइसेंस कालोनी में अवैध रूप से लगे गेटों पर बड़ी तोडफ़ोड़ कार्रवाई की गई।

गुड़गांव, (ब्यूरो): टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के डिस्ट्रिक टाउन प्लानर एन्फोर्समेंट (डीटीपीई) की तरफ से शुक्रवार को साउथ सिटी एक लाइसेंस कालोनी में अवैध रूप से लगे गेटों पर बड़ी तोडफ़ोड़ कार्रवाई की गई। कालोनी के 11 से अधिक ब्लाकों की अंदरूनी सड़कों पर बिना परमिशन के लगाए गए 51 गेटों को पीला पंजे से उखाड़ दिया गया। यह कार्रवाई के डीटीपीई अमित मधोलिया के नेतृत्व में की गई। इन गेटों को लेकर लगातार डीटीपीई कार्यालय में शिकायतें प्राप्त हो रही थी।

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साउथ सिटी एक स्थित सी, डी, ई, एफ, जी, एच, आई, जे, के, एल, एम, ब्लाक की 9 मीटर और 12 मीटर सड़कों पर बिना विभाग की स्वीकृति के अवैध रूप से सुरक्षा के नजरिए से गेट लगा दिए गए थे लेकिन ये गेट लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गए थे। कई ब्लाक में शाम के समय गेटों को बंद कर देते थे जिसकी वजह से लोगों को रात में एमरजेंसी की स्थिति में घूम-फिरकर जाना पड़ता था और कई जगह तो गेटों को स्थायी तौर पर भी बंद किया हुआ था। किसी भी लाइसेंस कालोनी या सेक्टर में सुरक्षा के नजरिए से गेट नहीं बल्कि बूम-बैरियर लगाए जा सकते है, इसके बावजूद लोग बूम-बैरियर की जगह गेट लगा लेते है।

 

इतना ही नहीं अधिकांश जगह तो परमिशन ही नहीं ली गई थी। कालोनी में गेट केवल मुख्य एंट्रेस 24 मीटर सडक़ पर ही लगाया जा सकता है। इसके अलावा अंदरूनी सड़कों पर जहां पर 18 मीटर और 24 मीटर से ब्लाक की कनेक्टिविटी हो तो केवल बूम-बैरियर की परमिशन दी जाती है और यह परमिशन भी विभिन्न नियम-शर्तो के आधार पर दी जाती है लेकिन लाइसेंस कालोनियां इन नियमों को अनदेखा कर अपनी मनमानी करती है जिसकी वजह से लोगों को परेशानियां होती है।

 

डीटीपी अमित मधोलिया ने बताया कि नियमावली के हिसाब से अंदरूनी सड़कों पर कहीं भी गेट नहीं लगाया जा सकता, केवल बूम-बैरियर का ही प्रावधान है। किसी भी रास्ते को स्थायी तौर पर बंद नहीं किया जा सकता। गेट या बूम-बैरियर पर 24 घंटे सुरक्षाकर्मी होना चाहिए। सीसीटीवी लगे होने चाहिए लेकिन कई रास्तों को गेट लगाकर स्थायी तौर पर बंद किया हुआ था इसकी वजह से आपातकालीन स्थिति में कोई भी हादसा हो सकता है। आगजनी के दौरान दमकल विभाग की गाडिय़ों को एंट्री के लिए इधर-उधर चक्कर काटना पड़ता है। इसी प्रकार से मेडिकल इमरजेंसी में भी एंबुलेंस को अपने गंतव्य तक पहुंचने में मुश्किलें होती है और रात के समय में भी लोगों को प्रवेश या बाहर निकलने में दिक्कत होती है।

 

गेट की स्वीकृति के लिए बनी कमेटी के चेयरमैन डीसी की तरफ से पुलिस आयुक्त की मार्फत सभी थाना प्रभारियों को आदेश जारी है कि किसी भी कालोनी में कोई भी गेट स्थायी तौर पर बंद नहीं किए जा सकते। गेट पर गार्ड लगे होने चाहिए। इसे सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी क्षेत्रीय थाना प्रभारी की है।

 

गेट की कार्रवाई के दौरान पाया कि कुछ लोगों ने अपने घरों के बाहर अतिक्रमण किया हुआ था जिसे पीले पंजा से हटाया गया और इसी प्रकार से एक ब्लाक में वीटा बूथ संचालक द्वारा सडक़ की जमीन पर कब्जा किया हुआ था, उसे भी मौके पर हटाया गया।

 

डीटीपी इंफोर्समेंट अमित मधोलिया ने कहा कि इस संबंध में कई बार शिकायतें प्राप्त हुई है। नियमावली के हिसाब से बिना परमिशन के कोई गेट-बूम बेरियर नहीं लगाए जा सकते। स्थायी तौर पर गेट बंद करना कानूनन गलत है। उपायुक्त गुरुग्राम की अध्यक्षता में पिछले दिनों टास्क फोर्स की बैठक हुई थी जिसमें उपायुक्त गुरुग्राम ने अवैध रूप से लगे गेटों पर सर्वे कर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे।

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